इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 03 अगस्त 2021। आम्रपाली की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने को लेकर बैंकों द्वारा सिक्योरिटी और बैंक गारंटी को लेकर चिंता पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एतराज जताया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अब आम्रपाली की परियोजनाओं की निगरानी हम कर रहे हैं अत: बैंकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि सिक्योरिटी, बैंक गारंटी आदि की चिंता छोड़ कर बैंकों को फंडिंग के लिए आगे आना चाहिए। पीठ ने कहा कि बैंकों को पर्सनल गारंटी या फिर अन्य तरह की गारंटी व गिरवी रखवाने की जरूरत नहीं है। हम पूरे मामले को देख रहे हैं, इसलिए बैंकों को किसी भी तरह का कोई घाटा नहीं होने जा रहा है। अगर भविष्य में किसी कारणवश कुछ हुआ तो बैंकों के हित को अदालत देखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट रिसीवर वरिष्ठ वकील आर वेंकटरमनी से कहा है कि वह बैंक अधिकारियों के साथ इस मामले पर बैठक कर रिपोर्ट दे। बैठक अगले सोमवार तक करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में बैंकों के वकीलों को भी शामिल करने के लिए कहा गया है। अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
बैंकों की चिंता, नई फंडिंग के लिए क्या गारंटी होगी
दरअसल बैंकों के मन में दुविधा इस बात को लेकर थी कि इन परियोजना के लिए की जाने वाली फंडिंग लिए क्या गारंटी दी जाएगी।
625 करोड़ की फंडिंग का रास्ता साफ
सुनवाई के दौरान कोर्ट रिसीवर ने बताया कि आम्रपाली की परियोजनाओं के लिए एसबीआई कैप की ओर से प्रस्तावित 625 करोड़ की फंडिंग का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने बताया कि दस्तावेज से जुड़ी कुछ कार्यवाही बची हुई थी, जो पूरी हो चुकी है। आम्रपाली की छह परियोजनाओं के लिए एसबीआई कैप की ओर से फंडिंग हो रही है। वहीं फ्लैट खरीदार के वकील एमएल लाहोटी ने सुप्रीम कोर्ट को दिए नोट में कहा है क आम्रपाली प्रोजेक्ट के एफएआर को बेचकर 1000 करोड़ रुपए आ सकते हैं। ऐसे में एनबीसीसी को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह एफएआर को बेचे। हालांकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया।