इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 11 दिसंबर 2023। गोदरेज इंडस्ट्रीज ने आज ‘कार्यस्थल पर विकलांग व्यक्तियों का समावेश: सफलता के लिए रणनीति’ पर एक इंटरैक्टिव फोरम का सफलतापूर्वक समापन किया। इस कार्यक्रम में मानव संसाधन एवं डीईआई पेशेवर, कॉर्पोरेट दिग्गज, बिजनेस स्कूल के छात्र और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के समाज में समावेश के लिए काम करने वाले लोग एकजुट हुए। यह इंटरैक्टिव फोरम गोदरेज डीईआई लैब और केशव सूरी फाउंडेशन, एक्सेस फॉर ऑल, यूथ 4 जॉब्स और मान – सेंटर फॉर इंडिविजुअल्स विद स्पेशल नीड्स से जुड़ी उद्योग जगत की हस्तियों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास था। इस कार्यक्रम में एटिपिकल एडवांटेज के संस्थापक विनीत सरायवाला, ड्राइव ऑन माई ओन फाउंडेशन की संस्थापक अनीता शर्मा, इनक्लूज़ा के मुख्य कार्यकारी विनय चिन्नप्पा, द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप के डीईआई के प्रमुख और केशव सूरी फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य अक्षय त्यागी, और एक्सेस फॉर ऑल के सह-संस्थापक सिद्धांत शाह, गोदरेज कैपिटल में डीईआई प्रमुख मायरा के साथ एक विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल हुए, जिससे महत्वपूर्ण बातें निकल कर आईं और विकलांग व्यक्तियों के लिए अधिक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट रणनीतियों को रेखांकित किया गया।
गोदरेज डीईआई लैब के प्रमुख परमेश शाहनी ने इस तरह की पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ” विकलांगता समावेश विविधीकृत और न्यायसंगत कार्यस्थल बनाने की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है। ‘कार्यस्थल पर विकलांग व्यक्तियों का समावेश: सफलता के लिए रणनीति’ का उद्देश्य था व्यावहारिक अंतर्दृष्टि, रणनीति और सलाह प्रदान करना, जिन्हें कॉर्पोरेट जगत में विकलांगता समावेशन को बढ़ावा देने के लिए तुरंत लागू किया जा सकता है।“
गोदरेज कैपिटल में डीईआई प्रमुख मायरा ने इस कार्यक्रम पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, “समावेश एक यात्रा है, और ‘ कार्यस्थल में विकलांग व्यक्तियों का समावेश: सफलता के लिए रणनीति’ गोदरेज की विविधता और समानता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। फोरम ने न केवल कॉर्पोरेट जगत में विकलांग व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डाली, बल्कि एक समावेशी संस्कृति बनाने के लिए पहल करने योग्य कदम भी सुझाए। इस कार्यक्रम में कॉर्पोरेट जगत में सार्थक बातचीत शुरू करने और ठोस बदलाव लाने के प्रति गोदरेज डीईआई लैब की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।