विदेश मंत्रालय की दो टूक- कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को पनाह; भारतीयों की वापसी के लिए रूस पर दबाव

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 13 जून 2024। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को कहा कि कनाडा के साथ नई दिल्ली का मुख्य मुद्दा भारत विरोधी तत्वों को दी जाने वाली राजनीति जगह है। ये तत्व आतंकवाद और हिंसा की वकालत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने बार-बार कनाडा के सामने अपनी गंभीर चिंताओं को रखा है। उम्मीद है कि कनाडा ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। क्वात्रा ने यह बात भारत और कनाडा के संबंधों में आई नरमी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की हालिया टिप्पणी पर कही। उन्होंने कहा कि अभी-अभी हमारे यहां आम चुनाव संपन्न हुए हैं। मुझे भरोसा है कि हर कोई इस बात से सहमत होगा कि यह मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी। करीब 64 करोड़ लोगों ने मतदान किया और भारत के लोकतंत्र की जीवंतता को दुनियाभर में मान्यता और सराहना मिली। ट्रुडो क दक्षिणपंथी के उदय संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता कि कोई और क्या सोचता है। 

रूसी सेना में शामिल भारतीयों को मुक्त करने के लिए मॉस्को पर बना रहे दबाव
क्वात्रा ने कहा कि भारत रूस पर रूसी सेना में कार्यरत अपने नागरिकों की सुरक्षा और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाल रहा है। उनका यह बयान विदेश मंत्रालय के यह जानकारी दिए जाने के बाद आई है कि रूस-यूक्रेन जंग में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीयों की मौत हो गई। रूस-यूक्रेन जंग में मारे जाने वाले भारतीयों की संख्या चार हो गई है। 

विदेश सचिव ने कहा कि पहले दिन से ही हम लगातार रूसी अधिकारियों, व्यवस्था और नेतृत्व के साथ इस मसले पर चर्चा कर रहे हैं। हमने रूसी अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि युद्ध क्षेत्र में मौजूद सभी भारतीयों को, चाहे वे वहां कैसे भी पहुंचे हों, वापस भारत भेजा जाना चाहिए। अधिकारियों के अनुसार, रूसी सेना में सहायक के रूप में काम कर रहे कुल 10 भारतीयों को रिहा कर दिया गया और उन्हें भारत वापस भेजा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किया गया था।

सीमा पार आतंकवाद क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बड़ी चुनौती : क्वात्रा
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती पैदा करता है। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में बार-बार होने वाली आतंकवादी घटनाओं के बारे में एक सवाल के जवाब में कही। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी आवश्यक होगा ये मुद्दे प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बातचीत में शामिल होंगे।

 

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