
इंडिया रिपोर्टर लाइव
तेल अवीव 23 जून 2024। इस्राइल हमास युद्ध को शुरू हुए कई महीने बीत चुके हैं और अभी तक इस्राइल न हमास पर जीत हासिल कर सका है और न ही अपने बंधकों को हमास के कब्जे से रिहा करा सका है। यही वजह है कि अब इस्राइल के लोगों का भी सब्र जवाब दे रहा है। शनिवार रात को इजराइल के कई हिस्सों में हजारों लोगों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन किए। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। प्रदर्शनकारियों ने देश में नए चुनाव कराने और गाजा से बंधकों की वापसी की मांग की। इस्राइली मीडिया के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों में कई हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें इस्राइल के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक डेविड ग्रॉसमैन और इस्राइली खुफिया एजेंसी शिन बेत के पूर्व प्रमुख युवल डिस्किन भी शामिल रहे।
‘नेतन्याहू देश के सबसे असफल प्रधानमंत्री’
तेल अवीव के कपलान स्ट्रीट पर आयोजित हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान डेविड ग्रॉसमैन ने कविता पढ़कर लोगों को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की। शिन बेत के पूर्व प्रमुख युवल डिस्किन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘राज्य के इतिहास का सबसे खराब और सबसे असफल प्रधानमंत्री’ बताया। डिस्किन ने 2005 से 2011 तक शिन बेत खुफिया एजेंसी के प्रमुख के रूप में काम किया था। डिस्किन ने जल्द से जल्द देश में चुनाव कराने की मांग की।
डिस्किन ने कहा ‘कई हफ्तों तक, मैंने विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया। मुझे लग रहा था कि अभी समय नहीं आया है, कि शायद युद्ध के दौरान सरकारों को बदलना सही नहीं है, और एकता सबसे महत्वपूर्ण चीज है, लेकिन मैं हर दिन खुद को सरकार की बेकारता, युद्ध के असफल प्रबंधन, पूर्ण जीत के झूठ, जिम्मेदारी से पूरी तरह बचने, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे रणनीतिक संबंधों के विनाश और शायद सबसे अधिक, हमारे अपहृत भाइयों और बहनों को वापस लाने के हर अवसर को चूकने से हैरान हूं, जो गाजा में हमास की कैद में तड़प रहे हैं।’
पीएम आवास के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी
लोगों ने सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के मुख्यालय के बाहर किंग जॉर्ज स्ट्रीट पर और प्रधानमंत्री आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने जल्द चुनाव की मांग करते हुए बैनर पकड़े हुए थे, और अन्य ने गाजा में लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान करते हुए बैनर पकड़े हुए थे। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सड़क पर टायर जलाए। इस दौरान पुलिसकर्मियों की प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। शनिवार शाम को हुए विरोध प्रदर्शन को प्रदर्शनकारियों ने 7 अक्तूबर के बाद का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया। लोगों में इस बात की भी नाराजगी है कि उत्तरी इस्राइल की सीमा के लोग बीते कई महीने से हिजबुल्ला द्वारा की जा रही गोलीबारी से विस्थापित जीवन जी रहे हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही।