छह शहरों- इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला, लखनऊ और राजकोट में 1000-1000 से अधिक मकानों का निर्माण
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 01 जनवरी 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 1 जनवरी 2021 की सुबह करीब साढ़े 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक आवास निर्माण प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता-भारत (जीएचटीसी-इंडिया) के तहत 6 राज्यों में छह स्थानों पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। नए साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम है।
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार छह शहरों- इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला, लखनऊ और राजकोट में 1000-1000 से अधिक मकानों का निर्माण करेगी। इस कार्यक्रम में आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 को जीएचटीसी-इंडिया के तहत ‘लाइट हाउसद्ध परियोजनाओं के निर्माण के लिए पूरे देश में छह स्थानों का चयन करने के लिए राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए एक चुनौती की शुरूआत की थी। मंत्रालय ने इस चुनौती में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित किया था तथा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले छह राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को ‘लाइट हाउस परियोजनाएं’ प्रदान करने की घोषणा की थी।
इन प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा नयी प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) का भी प्रावधान किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत भूकंपरोधी मकान बनेंगे और काफी सस्ते भी होंगे।
कौन-कौन राज्य हैं इस प्रोजेक्ट में
लाइट हाउस प्रोजेक्ट में त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। एलएचपी प्रोजेक्ट के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए मकान बनाए जा रहे हैं। इसके तहत शहरी गरीबों (ईडब्ल्यूएस) को सिर्फ पौने पांच लाख रुपये में 415 वर्ग फीट के फ्लैट सौंपे जाएंगे।