
इंडिया रिपोर्टर लाइव
वांशिगटन 10 अप्रैल 2025। चीन अमेरिका के बीच छिड़े टैरिफ वार के बीच भारत के लिए राहत भरी खबर है। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे चीन के पड़ोसी देश सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि टैरिफ में इजाफा केवल एक देश के लिए नहीं किया गया, बल्कि यह वैश्विक व्यापार के बुरे लोगों के लिए किया गया है। बेसेंट ने कहा कि अमेरिका की जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे चीन के पड़ोसियों के साथ व्यापार वार्ता हो रही है। टैरिफ में इजाफा बुरे लोगों के लिए है। मैंने बार-बार कहा है और राष्ट्रपति ट्रंप चार साल से कह रहे हैं कि चीन आधुनिक दुनिया के इतिहास में सबसे असंतुलित अर्थव्यवस्था है। वे अमेरिकी व्यापार समस्याओं का सबसे बड़ा स्रोत हैं। बाकी दुनिया के लिए भी एक समस्या है। मैं इसे व्यापार युद्ध नहीं कह रहा हूं। लेकिन मैं यह कह रहा हूं कि चीन ने इसे बढ़ा दिया है और राष्ट्रपति ने इसका बहुत साहस के साथ जवाब दिया है। हम अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ समाधान पर काम करने जा रहे हैं।
75 देश व्यापार वार्ता में शामिल होने के लिए आगे आए
अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि टैरिफ के बाद 75 से अधिक देश व्यापार वार्ता में शामिल होने के लिए आगे आए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने वार्ता की रणनीति लागू की। इसके लिए बहुत साहस की आवश्यकता थी। दुनिया का हर देश जो आगे आकर वार्ता करना चाहता है, हम आपकी बात सुनने के लिए तैयार हैं। हम उनके लिए 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ़ को कम करने जा रहे हैं। चीन पर टैरिफ बढ़ाने के उनके आग्रह के कारण 125 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ाया जाएगा।
90 दिन की रोक वार्ता का हिस्सा
अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेंट ने कहा कि वार्ता के लिए 90-दिवसीय अवधि राष्ट्रपति के निर्णय का हिस्सा है। वे व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल होना चाहते हैं। इसलिए हम 90-दिवसीय योजना पर काम कर रहे हैं। व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, लेकिन अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा हो रही है।
पूरी दुनिया अमेरिका को बुला रही: लेविट
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि लोग यह देख नहीं सके कि राष्ट्रपति ट्रम्प यहां क्या कर रहे हैं। टैरिफ लगाने के बाद कहा गया कि दुनिया के बाकी हिस्से चीन के करीब आ जाएंगे। जबकि वास्तव में हमने इसका विपरीत प्रभाव देखा है। पूरी दुनिया चीन को नहीं बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका को बुला रही है, क्योंकि उन्हें हमारे बाजारों की जरूरत है। व्हाइट हाउस में हमारे पास एक ऐसा राष्ट्रपति है जो दीर्घकालिक रणनीति अपना रहा है, जो अमेरिकी श्रमिकों के लिए सही काम कर रहा है।