गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतीकृत रेलव लाईन विकसित करने के लिए एसबीआई की अगुवाई में बैंको के संग से 3976 करोड़ रुपए के ऋण के लिए एसईसीएल की अनुषंगी कंपनी सी.ई.डब्लू.आर.एल ने किया समझौता
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)06 मई 2020। एसईसीएल की अनुषंगी कंपनी छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल लिमिटेड (सी.ई.डब्लू.आर.एल) द्वारा गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतीकृत रेल्वे लाईन परियोजना विकसित की जा रही है। इस रेलवे लाईन को विकसीत करने हेतु सीईडब्लूआरएल ने स्टेट बैंक आफ इंडिया की अगुवाई में बैंको के संग से 3976 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। हाल ही में इस संबंध में सी.ई.डब्लू.आर.एल. ने एसबीआई के अगुवाई में बैंको के संग से समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस ऋण का उपयोग गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक विकसित किए जाने वाले रेलवे लाईन को पूर्ण करने में किया जाएगा।
गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड रेल परियोजना में एसईसीएल की गेवरा, दीपका,कुसमुंडा जैसी बड़ी खदानों से कोयला निकासी में वृद्धी होगी। इस परियोजना में प्रमोटर कम्पनियां 20 प्रतिशत अर्थात कुल 994 करोड़ रुपए की सहभागीता देंगी। वहीं 80 प्रतिशत अर्थात कुल 3976 करोड़ रुपए बैंकों से ऋण के रूप में लिया जा रहा है। अभी तक प्रमोटर कम्पनियों द्वारा 650 करोड़ की लागत दी जा चुकी है, साथ ही इस परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल चुका है। यह परियोजना एसईसीएल को अपने विभिन्न खदानों से प्रति वर्ष लगभग 65 मिलियन टन कोयला निकासी करने में सहायक सिद्ध होगी। इसे गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड के बीच में वर्तमान में उपल्बध रेलवे लाईन की तुलना में सबसे कम दूरी वाली रेलवे लाईन का निर्माण किया जाएगा। इस रेलवे लाईन से एसईसीएल के गेवरा, कुसमुंडा एवं दीपका खदानों को भी जोड़ा जाएगा जिससे कोयला निकासी में सहायता मिलेगी। इस परियोजना की कुल लागत रूपए 4970 करोड़ है और यह मार्च 2023 तक पूर्ण होगी।
सी.ई.डब्लू.आर.एल. में एसईसीएल की 64 प्रतिशत भागीदारी है वहीं इरकान की 26 प्रतिशत भागीदारी एवं एस.आई.डी.सी, छत्तीसगढ़ शासन की 10 प्रतिशत भागीदारी है। यह ऋण जिस बैंकों के संघ से लिया गया है उसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सर्वाधिक 1800 सौ करोड़ रूपए लिए गए हैं। शेष राशि पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से ली गई है।
इस परियोजना के पूर्ण होने से छत्तीसगढ़ की रेलवे संरचना तो सुदृढ़ होगी ही साथ ही राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बल मिलेगा।