नई दिल्ली. कांग्रेस ने राज्यसभा में बुधवार को गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा कवर वापस लेने का मुद्दा जोर शोर से उठाया. कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने को लेकर सरकार से सवाल किए. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा कि सरकार बदले की राजनीति से प्रेरित होकर ऐसा कर रही है. हालांकि सदन में बीजेपी सदस्य जेडी नड्डा ने शर्मा के आरोपों को खारिज करते हुए इसमें किसी तरह की राजनीति से इनकार किया है.
इस मामले में बीजेपी सांसद प्रभात झा ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो मौत से डर जाए, वो नेता कैसा.’ ‘मैं बहुत बड़ी बात कह रहा हूं मृत्यु से क्या डरना? मैं सुरक्षा को चैलेंज नहीं करता, लेकिन मृत्यु से डरना चाहिए क्या? वह नेता ही नहीं है जो मौत से डरे.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को देश की सुरक्षा की चिंता नहीं है. उनको सिर्फ अपनी और अपने नेताओं की सुरक्षा की चिंता है उनके पास और कोई मुद्दा नहीं बचा है. मैंने देखा है कि किस तरह से एसपीजी नियमों का उल्लंघन यह लोग करते थे उसी तरह की कोई प्रक्रिया से इस तरह का फैसला लिया गया मैं उस पर क्या टिप्पणी करूं.’
वहीं झा की टिप्पणी पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर नेताओं को मौत से डर नहीं होना चाहिए, तो पीएम मोदी भी अपनी एसपीजी सुरक्षा वापस कर दें.’
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि नेताओं की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि खतरों को देखते हुए चारों नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और उसे दलगत भावना से उठकर काम करना चाहिए.
वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसे फैसले गृह मंत्रालय की एक विशेष समिति खतरों की आशंका पर गौर करते हुए करती है. उन्होंने कहा कि लोगों को लिट्टे से खतरा था, लेकिन अब लिट्टे समाप्त हो गया है. स्वामी ने कहा कि इसके अलावा जिनकी सुरक्षा की बात की जा रही है, उन्होंने खुद ही राजीव गांधी के हत्यारों की सजा कम किए जाने की अपील की और जेल में जाकर मुलाकात तक की. हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने स्वामी को टोकते हुए राजीव गांधी के हत्यारों से जुड़े मुद्दे को इस विषय में नहीं उठाने को कहा.
वहीं, इस मामले पर बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. सुरक्षा हटाई नहीं गई है. गृह मंत्रालय के पास एक नियमावली है और प्रोटोकॉल के तहत खतरे का आकलन करते हुए ये फैसला लिया है.