इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 05 दिसंबर 2020। किसानों की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह मंत्रिमंडल के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए। शनिवार को किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये मीटिंग हुई।
पीएम मोदी के साथ किसान आंदोलन के मसले पर अमित शाह, राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की यह बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में शामिल होने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी पीएम आवास पर पहुंचे थे।
कुछ संशोधन की पेशकश की संभावना
सूत्रों ने बताया कि सरकार किसानों के सामने कृषि कानूनों में कुछ संशोधन की पेशकश कर सकती है। कॉंट्रैक्ट फ़ार्मिंग में विवाद होने पर एसडीएम के बजाय सिविल कोर्ट में जाने की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि नए कृषि कानून में विवाद को एसडीएम के पास सुलझाने की व्यवस्था है. कोर्ट में जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि निजी खरीदारों के पैन कार्ड के बजाय पंजीयन को अनिवार्य करना, एपीएमसी यानी मंडियों को मजबूत करना, एमएसपी पर खरीद जारी रखने का लिखित आश्वासन, पराली जलाने पर एक करोड़ तक के जुर्माने के प्रावधान में रियायत, बिजली कानून संबंधी मांग पर विचार किया जा सकता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक से पहले कहा कि दोपहर में किसानों के साथ एक बैठक निर्धारित है। मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे. लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और वह कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP सुनिश्चित करे।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी का कहना था कि केंद्र के साथ आज की बैठक में किसानों की शंकाओं को दूर किया जाएगा। हाल की बैठकों में, कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया गया था. यह विपक्ष की राजनीति है, वे विरोध-प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं। भरोसा है कि बैठक अच्छी होगी और हमें उम्मीद है कि किसान अपना विरोध वापस लेंगे।