इंडिया रिपोर्टर लाइव
पटना 15 मई 2021। कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरे देश की तरह बिहार में भी हालात बद से बदतर हैं। इस बीच यूपी से लेकर बिहार तक गंगा सहित अन्य नदियों में तैरते हुए शव मिलने से हड़कंप मच गया है। नदी में शवों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी प्रदेश सरकार और केंद्र पर निशाना साधा है।
शुक्रवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि गंगा मैया की गोद में लाशों का अंबार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है। किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा मां को बचाओ। उन्होंने कहा कि इतने शव गंगा में। इतनी गरीबी है कि मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ी और कफन खरीदने के पैसे नहीं हैं। इसलिए शवों को गंगा जी में बहा दे रहे हैं या दफन कर दे रहे हैं। लालू ने कहा कि कथित नीति आयोग सरकारी संपत्ति के एवज में इस पर भी कोई निजीकरण की योजना बनाने में व्यस्त होगा।
एक अन्य ट्वीट में लालू यादव ने लिखा-‘ इतनी ग़रीबी है कि मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ी और कफ़न ख़रीदने के पैसे नहीं है। इसलिए शवों को गंगा जी में बहा दे रहे है या दफ़न कर दे रहे है। कथित नीति आयोग सरकारी संपत्ति के एवज में इस पर भी कोई निजीकरण की योजना बनाने में व्यस्त होगा।
उधर, लालू यादव के बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर मानक के अनुसार आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना जांच का गोल्ड स्टैंडर्ड है और उसे कुल जांच का 70% होना चाहिए। लेकिन बिहार में नीतीश सरकार ठीक इसके विपरीत मात्र 25-30% आरटी-पीसीआर जांच कर रही है। इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य ये है कि पिछले माह की तुलना में 41% कटौती की है जबकि पॉजिटिव रेट 20% है।’