
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 23 मई 2025। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल करने के लिए पाखंड करने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद ने कांग्रेस समर्थित सरकार के दौरान हस्ताक्षरित 1991 के भारत-पाक सैन्य पारदर्शिता समझौते का हवाला देते हुए कांग्रेस के पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ लंबे समय से जुड़े होने का आरोप लगाया। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा सांसद ने दावा किया कि 1991 के समझौते में भारत और पाकिस्तान सैन्य कार्रवाइयों के बारे में जानकारी साझा करने पर सहमत हुए थे। क्या यह पाकिस्तान के साथ सुरक्षा पारदर्शिता का समर्थन करना नहीं था? भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट पर कहा, ‘सवाल हमारी सरकार और आपकी (कांग्रेस) सरकार का नहीं है, सवाल यह है कि 1947 से हम पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र मानते हैं, 78 साल से कश्मीर के मुद्दे पर हमारी उनके साथ लड़ाई चल रही है। हमारे कश्मीर के हिस्से को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर रखा है। उसके बावजूद आप (कांग्रेस) छूट देते रहे, चाहें 1950 का नेहरू लियाकत समझौता हो, 1960 का सिंधु जल समझौता हो या 1975 का शिमला समझौता… हम संसद में भी रक्षा की रणनीति के विषय पर चर्चा नहीं करते, लेकिन 1991 में जब आप (कांग्रेस) चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे थे और 1994 में जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब इसे (समझौते को) लागू किया गया और आपने लिखा कि सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी। ये सारी बातें क्या देशद्रोह नहीं है? कांग्रेस ने क्या वोटबैंक की राजनीति के लिए धोखा नहीं किया? मुझे लगता है कि भारत सरकार को इसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। इस देश के बाहर के तत्वों से तो लड़ाई जारी है, लेकिन देश के भीतर के ऐसे तत्वों पर भी कार्रवाई करने का समय आ गया है।
कांग्रेस ने आरोपों का किया खंडन
हालांकि, कांग्रेस ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि फरवरी 1991 के अंत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। 10वीं लोकसभा के लिए चुनाव पहले ही घोषित हो चुके थे।
राहुल ने जयशंकर पर कैसे सवाल उठाए?
मामला इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर की राहुल गांधी की ओर से की गई आलोचनाओं के बाद बढ़ गया। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जयशंकर ने स्वीकार किया है कि भारत ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी थी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खोए गए भारतीय वायु सेना के विमानों की संख्या पर मंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा था कि राष्ट्र सच्चाई जानने का हकदार है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानिए
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को शुरू किया गया था। इस दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलाबारी की और ड्रोन हमले किए। इसके जवाब में भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेसों पर हवाई हमले किए। दोनों देश 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए।