
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 02 फरवरी 2025। खाद्य और उर्वरकों पर सरकारी सब्सिडी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3.71 लाख करोड़ आंकी गई है, जो चालू वित्त वर्ष में अनुमानित व्यय से 0.70 फीसदी अधिक है। केंद्रीय बजट 2025-26 के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी के लिए 2,03,420 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। यह राशि वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान से अधिक है, जो 1,97,420 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 में खाद्य सब्सिडी का बिल 2.11 लाख करोड़ रुपये था। उर्वरक सब्सिडी के लिए 2025-26 में 1.67 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो इस साल के संशोधित अनुमान 1.71 लाख करोड़ रुपये से कम है। पिछले वर्ष उर्वरक सब्सिडी के लिए 1.88 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से चार नई योजनाओं की घोषणा की। इसके अलावा सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण हासिल करने की सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया। सीतारमण ने कहा कि उनका लक्ष्य देशभर में बेरोजगारी से लेकर फसल उत्पादकता को बढ़ाने तक हर चीज को बढ़ावा देना है। इन योजनाओं का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को भी होगा।
सीतारमण ने कृषि को विकास का पहला इंजन बताया और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रस्ताव किया। यह सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका मकसद कम उत्पादकता, कम फसल लेने वाले क्षेत्र (जिन स्थानों पर दो या तीन की जगह कम या केवल एक ही फसल ली जाती हो) और ऋण लेने के औसत मापदंडों से कम ऋण लेने वाले सौ कृषि जिलों को लक्षित करना है।