
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 दिसंबर 2024। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने गुरुवार को एलान किया कि भारत के गगनयान अंतरिक्ष यात्रियों को यूरोप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले, गगनयान मिशन के लिए चार वायुसैनिक पायलटों की रूस में कड़ी ट्रेनिंग की थी। ईएसए के प्रमुख जोसेफ असचबैकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ प्रशिक्षण लेंगे। बता दें, शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है, जबकि ग्रुप कैप्टन प्रकाशंत बालकृष्णन नायर उन्हें बैकअप अंतरिक्ष यात्री के रूप में एक्सिओम-4 मिशन में सेवा देंगे।
भारत का पहला मानव मिशन
गौरतलब है, एक्सिओम-4 मिशन भारत का पहला मानव मिशन होगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाएगा। हालांकि, यह भारत का दूसरा सरकारी मानव अंतरिक्ष मिशन होगा, इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने भी अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी।
बता दें, राकेश शर्मा को देश का पहला अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव हासिल है। शर्मा 1984 में रूसी यान में बैठकर अंतरिक्ष गए थे। गगनयान मिशन से भारतीय अंतरिक्ष यात्री भारतीय यान में बैठकर अंतरिक्ष में जाएंगे। गगनयान को जीएसएलवी मैक-3 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
क्या कुछ करेंगे?
एक्सिओम-4 मिशन के दौरान, शुक्ला और उनकी टीम 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहेंगे, जहां वे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में वैज्ञानिक शोध और प्रयोग करेंगे। शुक्ला को इस मिशन के दौरान पांच प्रयोग करने होंगे, जिनसे भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में मदद मिलेगी, खासकर भारत के गगनयान मिशन में।
क्या है उद्देश्य
गगनयान मिशन का उद्देश्य 400 किमी की ऊंचाई पर तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजकर उन्हें तीन दिन के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। ईएसए और इसरो के बीच सहयोग पांच दिसंबर को भारत द्वारा प्रक्षिप्त Proba-3 उपग्रह और ईएसए-इसरो तकनीकी समझौता (टीआईपी) पर हस्ताक्षर के बाद हुआ। इस समझौते के तहत यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को गगनयान मिशन के लिए ग्राउंड स्टेशन समर्थन प्रदान करेगा और गगनयान मिशन का पहला बिना क्रू वाला परीक्षण उड़ान मार्च 2025 के आसपास होने की संभावना है।