
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 27 नवंबर 2022। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका का आपसी सहयोग लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही कहा कि उपराष्ट्रपति ने कहा कि सविंधान निर्माताओं ने परिकल्पना की थी कि ऐसी स्थितियां उत्पन्न होंगी जो विधायिका के लिए संविधान के अनुरूप संविधान में संशोधन करना अनिवार्य कर देंगी। इसलिए उन्होंने संविधान संशोधन की व्यवस्था की थी और यही समय-समय पर होने वाले संशोधन हमारे संविधान को और सशक्त बनाते हैं। उपराष्ट्रपति ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र को दुनिया के अन्य लोकतंत्रों के लिए एक मार्गदर्शक बताते हुए कहा है कि संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए और एक ऐसे भारत का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए जिसकी कल्पना हमारे संस्थापकों ने की थी।
उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित संस्थानों के नेतृत्व में सभी को गंभीरता से विचार करने और प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है ताकि संविधान की भावना और सार के अनुरूप स्वस्थ स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हो सके। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ अन्य थे जिन्होंने संविधान दिवस समारोह को संबोधित किया।
सीजेआई बोले- न्याय प्रणाली सभी के लिए सुलभ हो
सीजेआई ने यहां कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि न्याय वितरण प्रणाली सभी के लिए सुलभ हो, उन्होंने कहा कि भारत में हमारी अदालतों से जो न्यायशास्त्र निकला है, उसने दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर सहित कई देशों के फैसलों को प्रभावित किया है। भारतीय न्यायपालिका प्रणाली सुलभ करने के लिए तरीके अपना रही है। हम ऐसा करने के लिए तकनीक अपना रहे हैं।