इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 अगस्त 2023। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत का लक्ष्य अंटार्कटिका में अपने ठिकानों को बनाए रखने के लिए अगले पांच वर्षों में अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत (पीआरवी) बनाना है। राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जहाज के संबंध में एक प्रस्ताव चालू वित्त वर्ष के दौरान कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि 2014 में कैबिनेट ने जहाज के अधिग्रहण के लिए 1,051 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इसके लिए निविदा भी निकाली गई थी। सरकार ने बाद में इस परियोजना को छोड़ दिया क्योंकि जिस कंपनी को जहाज बनाने का आदेश मिला था, उसने कुछ शर्तें बढ़ा दी थीं, जो निविदा प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थीं। रिजिजू ने कहा, हालांकि एक और प्रयास शुरू किया गया था और अब, हम ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की ओर से पेश प्रस्ताव के साथ तैयार हैं। जहाज की लागत अब 2,600 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
हवाईअड्डों पर जल्द ही लगाए जाएंगे फुल बॉडी स्कैनर
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक जुल्फिकार हसन (बीसीएएस) ने कहा कि देश के सभी हवाईअड्डों पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाईअड्डों पर जल्द ही फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे। वे दिल्ली में बीसीएएस मुख्यालय में 31 जुलाई से शुरू हुए विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह के उद्घाटन पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, विमानन क्षेत्र में विकास के लिए फुल बॉडी स्कैनर की आवश्यकता है। विस्तृत परीक्षणों के बाद इसके ऑर्डर दे दिए गए हैं। जल्द ही चरणबद्ध तरीके से इसे दिल्ली, मुंबई और अन्य महत्वपूर्ण हवाईअड्डों पर स्थापित किया जाएगा। हसन ने कहा, हमारे पास देश के विभिन्न हवाईअड्डों पर प्रति घंटे 66,000 यात्रियों की जांच करने की क्षमता और जनशक्ति है।
15 सेकंड में जांच
वर्तमान में एक यात्री की मैन्युअल रूप से जांच करने में औसतन लगभग 30 सेकंड लगते हैं, लेकिन इन मिलीमीटर-वेव तकनीक-आधारित फुल-बॉडी स्कैनर की तैनाती के बाद इसे 15 सेकंड में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, विश्व में केवल तीन-चार कंपनियां ही फुल-बॉडी स्कैनर बनाती हैं।