
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 01 मार्च 2025। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मार्च के मध्य में स्पैडेक्स मिशन पर नए प्रयोग शुरू करेगा। इसका उद्देश्य दो सैटेलाइट चेजर और टार्गेट को अलग करना और फिर दोबारा जोड़ना है। यह तकनीक भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अहम साबित होगी। यह बात राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के दौरान इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कही। नारायणन ने कहा, स्पैडेक्स मिशन को 30 दिसंबर 2023 को लॉन्च किया गया था। इसने दो सैटेलाइट्स को आपस में जोड़ने के परीक्षण (डॉकिंग) के लिए सैटेलाइट्स एसडीएक्स01 व एसडीएक्स 02 को अंतरिक्ष में भेजा। इसरो ने 16 जनवरी को इन्हें जोड़ने में कामयाबी पाई। इसके साथ ही भारत यह तकनीकी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। इससे पहले 12 जनवरी को इसरो ने उपग्रहों को ‘डॉक’ करने के परीक्षण के तहत दो अंतरिक्ष यान को तीन मीटर की दूरी पर लाकर और फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजा था। इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक शुरू किया था। इसरो ने रात 10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी शार से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) लॉन्च किया था। मिशन की कामयाबी भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना और चंद्रयान-4 जैसे मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अहम साबित होगी। मिशन निदेशक एम जयकुमार ने बताया था कि 44.5 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी60 रॉकेट दो अंतरिक्ष यान चेजर (एसडीएक्स01) और टारगेट (एसडीएक्स02) लेकर गया है।
इलेक्ट्रिक ट्रक ट्रैक्टर लॉन्च
समारोह में इससे पहले केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर (इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और मिट्टी जोतने की मशीन) को लॉन्च किया। इसे सीएसआईआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, दुर्गापुर ने विकसित किया है।