प्राण प्रतिष्ठा में जाने पर सियासी नफा-नुकसान में उलझी कांग्रेस, विश्व हिंदू परिषद ने साधा निशाना

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 29 दिसंबर 2023। राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आमंत्रित कांग्रेस नेता मंदिर जाने के राजनीतिक नफा-नुकसान के गणित में इतने उलझे हैं कि अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें जाना है या नहीं। विपक्ष के इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की साथी सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। वहीं, गठबंधन के अन्य प्रमुख नेताओं में से ममता बनर्जी भी अयोध्या नहीं जा रही हैं, जबकि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे शामिल होंगे या नहीं। अखिलेश यादव कह चुके हैं कि उन्हें निमंत्रण मिला, तो वे जाएंगे। इसी तरह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा, अगर निमंत्रण मिलेगा तो कार्यक्रम में जरूर शामिल होंगे।

केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा है कि कांगेस में केवल चार लोगों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है। लिहाजा वह मानते हैं कि इस बारे में सभी को व्यक्तिगत फैसला करना चाहिए। हालांकि, अगर पार्टी कोई सामूहिक फैसला करती है, तो उसे सभी को मानना चाहिए। थरूर ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना है या नहीं, इसे लोगों के व्यक्तिगत तार्किक चुनाव पर छोड़ देना चाहिए। सीपीआई-एम के फैसले पर थरूर ने कहा कि उनके लिए फैसला करना आसान है, क्योंकि वे किसी धर्म को नहीं मानते हैं।

कांग्रेस के चेहरे से उतरा नकाब: विश्व हिंदू परिषद
कांग्रेस के संगठन इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अध्यक्ष अलोक कुमार ने कहा कि पित्रोदा ने कांग्रेस की वास्तविक चेहरे से नकाब उतार दिया है। कांग्रेस को इस बात से परेशानी है कि प्रधानमंत्री मंदिर क्यों जा रहे हैं, कांग्रेस नहीं चाहती कि देश में भव्य राम मंदिर बने। जब यह बन गया है, तो इससे दूरी बना रही है। पित्रोदा ने कहा कि वे इस बात से बहुत परेशान हैं कि पूरा देश राम मंदिर पर अटका है। प्रधानमंत्री मंदिर के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बजाय प्रधानमंत्री को पुस्तकालय, विज्ञान केंद्र व स्कूलों में जाना चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी पित्रोदा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जो कहते थे कि राम भगवान नहीं, काल्पनिक किरदार हैं। ऐसे लोग इस देश की जड़ों और मूल्यों से कटे हुए हैं। अगर जुड़े होते तो उन्हें क्या पता होता कि राम, रामायण और राम राज्य क्या होता है।

मंदिर में सरकार का एक रुपया भी नहीं लगा
आलोक कुमार ने कहा कि कुछ लोग राम मंदिर में सरकारी धन के इस्तेमाल की बात कह रहे हैं। वे जान लें कि यहां सरकार का एक रुपया भी नहीं लगा है। मंदिर का निर्माण और पूरा कार्यक्रम हिंदू समुदाय के लोगों से मिले दान की रकम से आयोजित किया जा रहा है।

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