इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित दिल्ली और मुंबई से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की वजह से राजस्थान, कर्नाटक, बिहार और उत्तर प्रदेश में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इन राज्यों के कई अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।
लॉकडाउन लागू होने की वजह से ये प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से इन मजदूरों ने पैदल या साइकिल से घर लौटना शुरू कर दिया है। अप्रैल के आखिर में बसों और 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद से घर लौटने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ गई है।
राजस्थान में 759 प्रवासी मजदूर कोविड-19 संक्रमित पाए गए
राजस्थान में एक मई से 759 प्रवासी कामगार कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इनमें से अधिकतर मुंबई से लौटे हैं। जयपुर, कोटा, बूंदी और गंगानगर को छोड़कर, राजस्थान के बाकी 29 जिलों में प्रवासी मजदूर पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें भीलवाड़ा भी शामिल है, जहां लगभग 20 दिनों तक संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया था। अभी तक 5,87,880 प्रवासी कामगार राजस्थान लौटे हैं और राज्य में संक्रमितों की संख्या 5,507 हैं।
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित के सिंह ने कहा कि उन्होंने 11 जिलों को रेड जोन के रूप में चिह्नित किया है क्योंकि वहां मामलों की संख्या में वृद्धि का डर है। इन इलाकों में आने वाले दिनों में अधिकांश प्रवासी मजदूरों के लौटने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वे बाड़मेर, उदयपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, जोधपुर और राजसमंद जैसे जिलों में चिकित्सा बुनियादी सुविधाओं को अपग्रेड कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए अधिकांश मजदूर मुंबई और गुजरात से लौटे हैं। भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि 42 प्रवासियों में बीमारी का पता चला है और उनमें से अधिकांश मुंबई से जिले में लौट आए हैं। मुंबई से लौटने वाले 30 लोग हैं, इसके बाद गुजरात से 10 और मध्यप्रदेश से लौटे दो कामगार शामिल है।
जिला कलेक्टर काना राम ने कहा कि डूंगरपुर में 164 कोविड-19 मामलों में से प्रवासी मजदूरों की संख्या 159 है और उनमें से ज्यादातर मुंबई से लौटे हैं। उनके पाली समकक्ष, अंश दीप ने कहा कि उनके जिले के अधिकांश संक्रमित लोग भी मुंबई से यहां पहुंचे हैं, जहां उन्होंने सब्जी, फल और आइसक्रीम विक्रेताओं के रूप में काम किया है।