इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 30 नवंबर 2024। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आज बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिसके बाद राज्य की नई सरकार का रास्ता साफ हो सकता है। शिंदे के अचानक सतारा जाने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब उनके करीबी सहयोगियों ने इस बारे में स्पष्ट जानकारी दी है कि यह फैसला किसी राजनीतिक उलझन के कारण नहीं, बल्कि शिंदे की अस्वस्थता के चलते लिया गया था। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट और उदय सामंत ने इस बात की पुष्टि की है कि एकनाथ शिंदे बुखार और सर्दी से पीड़ित थे, जिसके कारण वह इलाज के लिए अपने पैतृक गांव सतारा चले गए थे। गुरुवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी शिंदे अस्वस्थ थे। स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्होंने महायुति के सहयोगी दलों (भा.ज.पा., शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) की शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक को भी रद्द कर दिया था। उदय सामंत ने बताया कि शिंदे का गांव जाने का निर्णय किसी राजनीतिक कारण से नहीं लिया गया है। वह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से घर गए हैं, ताकि आराम कर सकें। शिंदे के गांव जाने को लेकर यह भी कहा गया है कि जब भी उन्हें किसी बड़े राजनीतिक फैसले पर विचार करने की आवश्यकता होती है, तो वह हमेशा अपने गांव जाते हैं।
महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर स्थिति
गुजरात चुनाव के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं, जिनमें महायुति ने 288 सीटों में से कुल 230 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा ने 132, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट ने 41 सीटें जीतीं। महाविकास अघाड़ी (MVA) को 46 सीटें मिलीं, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर 2024 को घोषित हुए थे, और राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। भाजपा ने संकेत दिया है कि अगले दो दिन में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा और इसके बाद औपचारिकताओं के तहत नई सरकार का गठन किया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी राजनीतिक हलचल तेज है, और एकनाथ शिंदे के बारे में यह संभावना जताई जा रही है कि वह मुख्यमंत्री पद का फैसला ले सकते हैं।
शिंदे के लिए संभावित मुख्यमंत्री पद
शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे की राजनीतिक रुचि पूरी तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में है, और इसलिए वह केंद्रीय राजनीति में कोई भी पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिरसाट ने यह भी कहा कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद नहीं स्वीकार करते हैं, तो पार्टी से ही कोई अन्य नेता यह पद संभाल सकता है। इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि शिंदे के पास मुख्यमंत्री बनने का मजबूत मौका है, और उनका पूरा ध्यान राज्य की राजनीति पर केंद्रित है। शिंदे ने पहले भी कहा था कि उनका उद्देश्य सिर्फ महाराष्ट्र की सेवा करना है, और यदि वह मुख्यमंत्री पद का दायित्व स्वीकार करते हैं, तो यह राज्य के लोगों के हित में होगा।
सरकार गठन में देरी का कारण
एकनाथ शिंदे के गांव जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही थी कि कहीं न कहीं मुख्यमंत्री पद के बारे में अंतिम निर्णय लेने में कोई पेंच फंसा तो नहीं है। हालांकि, शिंदे के करीबी सहयोगियों ने इस तरह की चर्चाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शिंदे के स्वास्थ्य कारणों से था और किसी प्रकार की राजनीतिक उलझन नहीं थी। यदि बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है, तो शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच अंतिम फैसले की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है।
आगामी सरकार गठन की प्रक्रिया
महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन को लेकर भाजपा के सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएंगी। 2 दिसंबर 2024 को राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। इस दिन तक सभी प्रमुख नेताओं के बीच अंतिम फैसले की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
आगामी राजनीतिक समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से राज्य की राजनीति में नई दिशा की उम्मीदें हैं। महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच राजनीतिक गठबंधन और समीकरण का खेल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि सरकार गठन में देरी नहीं होगी और अगले कुछ दिनों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा।