
इंडिया रिपोर्टर लाइव
ढाका 16 दिसंबर 2024। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से एक अंतरिम सरकार बांग्लादेश में प्रशासन कर रही है, जिसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस हैं। सत्ता संभालने के बाद से ही अंतरिम सरकार से चुनाव की तारीखों का एलान करने की मांग की जा रही है। अब बढ़ते दबाव के बीच मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि 2025 के अंत में या फिर 2026 के शुरुआत में चुनाव होंगे। बांग्लादेश ने आज ही के दिन भारत की मदद से पाकिस्तान से आजादी पाई थी। बांग्लादेश आज अपनी आजादी की 53वीं वर्षगांठ मना रहा है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को राजधानी ढाका में राष्ट्रीय स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रीय प्रसारण में मोहम्मद यूनुस ने देश को संबोधित किया। इसी संबोधन में यूनुस ने कहा कि 2025 के अंत तक या फिर 2026 की शुरुआत में बांग्लादेश में आम चुनाव होंगे। पिछले महीने ही यूनुस ने बांग्लादेश में जल्द चुनाव कराने से इनकार कर दिया था और इसकी वजह उन्होंने संविधान और चुनाव आयोग समेत अन्य संस्थाओं में सुधार का हवाला दिया था।
यूनुस ने संविधान और विभिन्न संस्थानों में कई सुधारों की निगरानी के लिए एक आयोग का गठन किया है। यूनुस ने अपने संबोधन में कहा कि ‘चुनाव की तारीख इस बात पर निर्भर करेगी कि राजनीतिक दल किस बात पर सहमत होते हैं।’ यूनुस ने कहा, ‘मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि चुनाव की व्यवस्था करने से पहले सुधार किए जाने चाहिए। अगर राजनीतिक दल न्यूनतम सुधारों, जैसे कि त्रुटिहीन मतदाता सूची के साथ ही चुनाव कराने पर सहमत होते हैं, तो चुनाव नवंबर के अंत तक कराए जा सकते हैं। लेकिन चुनाव सुधारों को पूरा करने के चलते कुछ महीनों की देरी हो सकती है।’
आरक्षण के खिलाफ आंदोलन के चलते गई थी शेख हसीना की सरकार
बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले से नौकरियों में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था। इस कोटे का लाभ बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोगों के परिजनों को दिया जाना था। इसके खिलाफ ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। धीरे-धीरे ये विरोध प्रदर्शन की आग पूरे देश में फैल गई और लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों के दबाव में आरक्षण खत्म कर दिया गया, लेकिन फिर प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए। इसके चलते हिंसा इतनी बढ़ी कि शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ली। इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली। बाद में एक अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को उसका मुख्य सलाहकार बनाया गया।