
इंडिया रिपोर्टर लाइव
वांशिगटन 11 सितम्बर 2021। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को अल कायदा ने आज ही के दिन वर्ष 2001 में 9/11 को विमान हमले से दहला दिया था। महज 102 मिनट में 2763 लोगों की जान चली गई थी। दुनियाभर में इस दिन जन्में लाखों बच्चे भी आज बीस साल के हो गए और आतंकी हमले के भी बीस बरस हो गए। दुनिया के युवाओं को ये जानना जरूरी है कि कैसे आतंकियों ने अपनी क्रूरता से अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया को दहला दिया था। राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के नेतृत्व में अमेरिका ने आतंक के खिलाफ 2001 में लड़ाई शुरू की। राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका ने अपने ऊपर हुए इस हमले का बदला अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का अंत कर के लिया लेकिन आतंक के खिलाफ दो दशक से चली आ रही उसकी लड़ाई अफगानिस्तान में फिर उसी मोड़ पर आ गई है, जहां से शुरू हुई थी। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के साथ आतंक का नया खतरा पैदा हो गया है। ब्रिटेन के एम15 डोमेस्टिक स्पाई सर्विस के प्रमुख केन मैक्कुलम का कहना है कि अफगानिस्तान के हालात से आतंकियों का हौसला फिर से बढ़ा है। आतंकी घटनाओं को लेकर सभी देशों को सतर्क रहना होगा। हालांकि तालिबान ने कहा है कि वो अफगानिस्तान को आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा लेकिन सच यही है कि पश्चिमी देशों पर आतंकी हमलों के लिए अफगानिस्तान स्वर्ग बन गया है।
उड़ते विमान में आतंकियों से भिड़ गए यात्री, चौथा विमान खाली जगह पर गिरा
न्यूजर्सी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से युनाइटेड फ्लाइट 93 के उड़ान भरने के 40 मिनट बाद आतंकियों ने कब्जा कर लिया था। विमान में सवार लोगों को आतंकी हमले की खबर लग गई थी। यात्रियों ने चार आतंकियों से चलते विमान में लड़ाई शुरू कर दी और 804 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से विमान सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर पेंसिलवेनिया में खाली क्षेत्र में गिर गया। इस घटना में 44 लोगों ने अपनी जान गंवाई लेकिन अमेरिका को एक और बड़े विमान हमले से बचा लिया था।
पूरे अमेरिका में मच गया था कोहराम
स्टील और पत्थर के मजबूत ढांचे पर बने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का 321 किमी. गति की हवा आैर आग भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती थी, लेकिन जेट फ्यूल ने उसे तबाह कर दिया।