कोल माइंस ऑफिसर एसोसिएशन ने 2,3 व 4 जुलाई के हड़ताल का किया पूर्णतः समर्थन
श्रमिक संगठनों ने किया प्रबंधन के सभी बैठकों का बहिष्कार
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर 25 जून 2020। केंद्रीय श्रम संगठनों एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक एवं सीटू के आह्वान पर भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों के खिलाफ 2, 3 व 4 जुलाई को पूरे कोल इंडिया में ऐतिहासिक हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। पांचों श्रम संगठनों के द्वारा 18 जून को ही हड़ताल नोटिस कोयला मंत्रालय के सचिव को दिया जा चुका है।
हड़ताल के प्रमुख मांग –
1- कोयला उद्योग में कामर्शियल माइनिंग का फैसला वापस लो।
2- कोयला उद्योग के निजीकरण की नीति वापस लो।
3- सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने का निर्णय वापस लो।
4- ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी की अनुशंसा के अनुसार मजदूरी का भुगतान किया जाए।
5- राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता के अनुसार 9.3.0, 9.4.0, 9.5.0 को पूर्णतः लागू करो।
26 जून 2020 को कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने यूनियनों के साथ एक बैठक बुलाई है। सभी संगठनों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है और कहा कि पहले सरकार कामर्शियल माइनिंग सहित अन्य उद्योग एवं मजदूर विरोधी निर्णय वापस ले उसके बाद ही कोई बात होगी।
संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने जानकारी दिया है कि कल 26 जून को एसईसीएल प्रबंधन द्वारा हड़ताल को लेकर एसईसीएल संचालन समिति की बैठक बुलाई गई है।कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि जब तक सरकार अपने उद्योग एवं मजदूर विरोधी फैसलों को वापस नहीं लेता है तब तक प्रबंधन के सभी बैठकों का हम बहिष्कार करेंगे। यूनियन प्रबंधन के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होगा।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने यह भी कहा है कि कोल माइंस ऑफिसर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी पी के सिंह के द्वारा दिनांक 18 जून को प्रेस रिलीज के माध्यम से ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित 2, 3 व 4 जुलाई की हड़ताल का समर्थन किया गया है। हम कोल माइंस ऑफिसर एसोसिएशन के समर्थन का स्वागत करते हैं। कोल इंडिया के ऊपर वर्तमान में जो खतरा है उसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम सभी आपस में मिलजुल कर भारत सरकार की उद्योग एवं मजदूर विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला करें और कोल इंडिया को बचाएं। देश के सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन एक साथ हैं, एकजुट हैं, ऐसे में अन्य संगठनों एवं एसोसिएशनो के साथ में आ जाने से यह आंदोलन और भी मजबूत होगा।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि 2, 3 व 4 जुलाई को पूरा एसईसीएल ठप्प रहेगा। एसईसीएल के किसी भी खदान से कोयला उत्पादन नहीं होने देंगे। पूरे एसईसीएल में 2, 3 व 4 जुलाई को ऐतिहासिक हड़ताल होगी और भारत सरकार को अपना निर्णय वापस लेने के लिए विवश होना पड़ेगा। कामरेड हरिद्वार सिंह ने सभी कोयला मजदूरों से आह्वान किया है कि कोल इंडिया को बचाने के लिए 2,3 व 4 जुलाई के हड़ताल को सफल बनाएं और कर्मचारी ड्यूटी पर ना जाएं।