इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 16 जुलाई 2023। विदेश मंत्री जयशंकर ने बैंकॉक में भारतीय समुदाय के लोगों से बात की। उन्होंने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की तो वहीं अपने राजनयिक से राजनेता बनने के सफर के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें एक खास बात यह है कि वो कई चीजों की नब्ज पकड़ लेते हैं और उसे नीतियों और कार्यक्रमों में बदल देते हैं। उन्होंने एक राजनयिक से राजनेता बनने तक की अपनी यात्रा पर कहा कि एक राजनयिक के रूप में हमेशा राजनेताओं के साथ काम किया, लेकिन बिना किसी सप्ताहांत के राजनीति की 24×7 दुनिया में प्रवेश करना अलग है।
पीएम मोदी जैसा व्यक्ति मिलना देश का सौभाग्य
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय पीएम मोदी जैसा व्यक्ति मिलना देश का बहुत बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि वह आज के प्रधानमंत्री हैं और मैं उनके मंत्रिमंडल का सदस्य हूं। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब आपके सामने सदी में एक बार होने वाली स्वास्थ्य चुनौती होती है, तो केवल वही व्यक्ति जो इतना जमीन से जुड़ा हो, कह सकता है कि ठीक है स्वास्थ्य संबंधी चुनौती है, लेकिन घर जाने वाले व्यक्तियों के लिए क्या किया जाएगा, आप उन्हें खिलाने के लिए क्या करेंगे, आप उनके खाते में पैसे कैसे डालेंगे। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं पैसे का बेहतर प्रबंधन करेंगी, यह किसी के मन में नहीं आया होगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि अच्छे नेता वे लोग होते हैं जो जमीन से जुड़े व अनुभवी होते हैं और उनमें देश को एक अलग स्तर पर ले जाने का जुनून भी होता है। उन्होंने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि ऐसे लोग जीवन में एक बार आते हैं।
अब तक के सबसे अच्छे राजनयिक
विदेश मंत्री ने कहा कि मेरे अनुसार सभी समय के सर्वश्रेष्ठ राजनयिक भगवान हनुमान हैं। जयशंकर ने पहले लिखी एक किताब पर पूछे एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं अपने राजनयिक करियर और राजनीति में प्रवेश के बीच के अंतराल वर्ष के दौरान उपयोगी रूप से कार्यरत था। मैंने उस समय एक किताब लिखी थी कि कैसे महाभारत अंतरराष्ट्रीय राजनीति से निपटने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकता है।
महाभारत शासन कला की तरह
उन्होंने आगे कहा कि महाभारत शासन कला की तरह है। हालांकि, अगर आप रामायण देखें और अगर आप मुझसे पूछें कि मेरे हिसाब से सबसे अच्छा राजनयिक कौन है, तो मेरा जवाब भगवान हनुमान के सिवा और कोई नहीं होगा।
देश के रूप में सोचें
उन्होंने कहा कि आप एक देश के रूप में सोचें कि किसी अज्ञात जगह जहां आपके पास उतनी जानकारी नहीं है। आपको वहां जाना है। खुफिया जानकारी ढूंढनी है, सीता का पता लगाना है। उन्होंने कहा कि ऐसी जगह हनुमान ने सीता का पता भी लगाया और उनका मनोबल भी बनाए रखा। साथ ही आग भी लगा दी। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, आग वाली घटना राजनयिकों के लिए मेरा नुस्खा नहीं है, लेकिन यदि आप समग्रता से देखें, तो वह सफलतापूर्वक वापस आ जाते हैं।