कोरिया – साजिद खान ( इंडिया रिपोर्टर लाइव) छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कोरिया वनमंडल सामान्य के लिए निकला स्थानांतरण आदेश बडा ही अटपटा सा रहा क्योंकि डीएफओ पद पर कार्यभार ग्रहण किए अफसर को पंद्रह दिन भी नही बीतते हैं कि इनके स्थान पर दूसरे को पदभार ग्रहण करने का आदेश निकाल दिया जाता है
लेकिन इस आदेश में इनका कहीं स्थानांतरण भी नही होता है। जिससे सवाल यह पैदा होता है कि कोरिया वनमंडल में डीएफओ की एक कुर्सी पर दो अधिकारी कैसे विराजमान होंगे ? दूसरा सवाल यह है कि कोरिया वनमंडल के लिए दूसरे आदेश में इतनी हडबडी क्यों ?
तीसरा सवाल यह है कि इस तरह से अफसरों का आना और जाना करवाने के लिए कौन है “वो” जो खिचड़ी पका रहा है। उसको क्या फायदा है ?
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण आदेश क्रमांक एफ 1-02/2019/10-भा.व.से. दिनांक 10/09/2019 के तहत कोरिया वनमंडल में पदस्थ रहे (चर्चित रहे) डीएफओ मनीष कश्यप का स्थानांतरण डीएफओ अनुसंधान विस्तार बिलासपुर के पद पर कर दिया जाता है और सरगुजा वनमंडल में पदस्थ रहे डीएफओ अरविंद पी.एम. को कोरिया वनमंडल में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इस आदेश के बाद पंद्रह दिन भी नही बीतते हैं कि छत्तीसगढ़ शासन का दूसरा एक और स्थानांतरण आदेश क्रमांक एफ 1-02/2019/10- भा.व.से. दिनांक 5/10/2019 निकलता है जिसमें कोरिया वनमंडल सामान्य के लिए डीएफओ के पद पर मनेन्द्रगढ वनमंडल में पदस्थ डीएफओ राजेश चंदेले को स्थानांतरित कर दिया जाता है और मनेन्द्रगढ वनमंडल में प्रभारी महाप्रबंधक, छत्तीसगढ़ वन विकास निगम लि. नवा रायपुर विवेकानन्द झा का स्थानांतरण कर दिया जाता है। इस दूसरे आदेश में खास बात ये देखने को मिली कि कोरिया वनमंडल में १५ दिन पहले डीएफओ के पद पर कार्यभार ग्रहण कर चुके अरविंद पी.एम. को कहीं भी स्थानांतरित नही किया जाता है। जििससे सवाल यह पैदा होता है कि कोरिया वनमंडल में डीएफओ की एक कुर्सी पर दो अफसर कैसे विराजमान होंगे ? और अब दोनों मेें से कौन अधिकारी कोरिया वनमंडल सामान्य डीएफओ के पद पर विराजमान होगा और कौन बाहर हो जाएगा ये तो अब छत्तीसगढ़ शासन का आगामी संशोधित