देश के अन्य राज्यों में फंसे तीन लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रहने, भोजन आदि की व्यवस्था
इंडिया रिपोर्टर लाइव
रायपुर 17 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे साढ़े पांच लाख से अधिक छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित उनके गृह ग्राम पहुंचाया गया। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में फंसे तीन लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रहने, खाने, भोजन आदि की व्यवस्था की गई।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन के कारण देश के 24 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को खाद्यान्न व अन्य राहत पहुंचाना किसी चुनौतिपूर्ण कार्य से कम नहीं है। लॉकडाउन के कारण श्रमिकों के रहने की व्यवस्था, भोजन, बच्चों के लिए दूध, दवा जैसी बहुत जरूरी सुविधाएं भी दूभर हो रही थी, ऐसे समय में राज्य सरकार, प्रदेश की जनता तथा स्वंय-सेवी संस्थाओं ने सराहनीय कार्य करते हुए श्रमिकों को राहत पहुंचाई है। श्रमिकों की घर वापसी के बाद उन्हें रोजगार दिलाना मुश्किल काम था लेकिन राज्य सरकार ने हर संभव प्रयास कर इन श्रमिकों को न सिर्फ मनरेगा के तहत रोजगार दिलाया, बल्कि क्वारंटाईन सेंटर में श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर उन्हें उनके हुनर के अनुरूप सम्मान जनक रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में लगभग 74 हजार मजदूरों को वेतन की बकाया राशि 171 करोड़ रूपए का भुगतान कराया गया है। वहीं 107 स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मजदूर जो अन्य राज्यों में फंसे हुए थे उन्हें लाया गया। साथ ही अन्य प्रदेशों के मजदूरों को भी उनके राज्यों में भेजने की व्यवस्था की गई। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर कोरोना महामारी के दौरान सरकार की सार्वभौम पीडीएस योजना के तहत 57 लाख अन्तयोदय, प्राथमिकता, निराश्रित और निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को निःशुल्क चावल वितरण किया गया। कोरोना त्रासदी में राज्य सरकार की नीतिगत निर्णय और सुदृढ़ व्यवस्था के चलते प्रदेश आर्थिक मंदी और कोरोना संकट काल में अर्थव्यवस्था को बचाए रखने में सफल रहा।