- 10 लाख 48 हजार 942 मनरेगा मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली
- मजदूरों को बीते 4 महीनों से राज्य सरकार ने अपना भुगतान नहीं किया
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश के मनरेगा मजदूरों की दिवाली की खुशियां फीकी पडऩे वाली हैं. जुलाई महीने से अब तक मनरेगा की मजदूरी और मटेरियल को मिलाकर 300 करोड़ रुपए का भुगतान राज्य सरकार नहीं कर पाई है. प्रदेश के मनरेगा मजदूरों की दिवाली पर राज्य सरकार ने एक तरह से ग्रहण लगा दिया है. बता दें कि प्रदेश के 8815821 पंजीकृत मनरेगा के मजदूरों में से 31 लाख 72 हजार 753 मजदूरों ने इस वित्तीय वर्ष 2019 में सरकार ने काम जारी किया था. इसमें से 10 लाख 48 हजार 942 मनरेगा मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है. मजदूरों को बीते 4 महीनों से राज्य सरकार ने अपना भुगतान नहीं किया है. दिवाली से ठीक पहले भूगतान नहीं होने से मजदूर काफी परेशान हैं. मजदूरों का कहना है कि उन्हें बीते 4 महीनों से मजदूरी नहीं मिली है. हालात ये है कि मजदूरों के सामने दिवाली के लिए दिए जलाने तक के पैसे नहीं है, जिससे वो अपने घर को रौशन कर सकें.
शिक्षक भी परेशान
मजदूरों के अलावा शिक्षकों दिवाली पर भी ग्रहण लग सकता है. बता दें कि तकरीबन 10 हजार से अधिक शिक्षकों को पिछले चार महीने से वेतन ही नहीं मिला है. ये सभी शिक्षाकर्मी से शिक्षक थे. ऐसे में इनके सामने भी आर्थिक समस्या आ गई है.
सरकार की दलील
वहीं, 4 महीनों से मनरेगा मजदूरों को मजदूरी के भुगतान को लेकर पंचायत मंत्री और मुख्यमंत्री अलग-अलग दलील दे रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि मनरेगा मजदूरों के भुगतान और पेंशन की राशि केंद्र सरकार से नहीं आई है. कोशिश की जा रही है जल्द राशि आ जाए. तो वहीं मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को भुगतान कर दिया गया है. मजदूरी भुगतान नहीं रूका है, मटेरियल का भुगतान जरूर रुक सकता है.