कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंकाई राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए बधाई दी। उन्होंने इस दौरान कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा बनाने के लिए तत्पर हैं। राजपक्षे ने भारत के लोगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गर्मजोशी से बधाई देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वह दोस्ती को मजबूत करने और निकट भविष्य में उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं।
राजपक्षे विजयी बढ़त 50.7 फीसद वोट के साथ आगे चल रहे हैं और वो देश के आठवें राष्ट्रपति होंगे। हालांकि, फिलहाल चुनाव के आधिकारिक परिणामों की घोषणा नहीं हुई है। इससे पहले श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा ने अपने प्रतिद्वंद्वी गौतबाया राजपक्षे के खिलाफ हार स्वीकर कर ली है।उन्होंने गौतबाया राजपक्षे को जीत के लिए बधाई दी। देश के चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक परिणाम घोषित किए जाने से पहले ही प्रेमदासा ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी को जीत के लिए बधाई दे दी।
डिप्टी नेता के पद से इस्तीफा दिया
उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों के निर्णय का सम्मान करता हूं और गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन पर बधाई देता हूं।’ 52 साल के प्रेमदासा ने तत्काल प्रभाव से यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के डिप्टी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया।
70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पूरी तरह तैयार
अगले पांच वर्षों के लिए देश का नेतृत्व करने के लिए 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पूरी तरह तैयार हैं।उन्होंने अपने समर्थकों से शांति से जीत का जश्न मनाने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जैसा कि हम श्रीलंका के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि सभी श्रीलंकाई इस यात्रा का हिस्सा हैं। आइए हम शांति से इसका आनंद लें, जिस तरह से हमने प्रचार किया था उसी तरह से गरिमा और अनुशासन के साथ जीत का जश्न मनाएं।
ईस्टर धमाकों के करीब सात महीने बाद हुए चुनाव
चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया ने कहा कि 15.99 मिलियन पात्र मतदाताओं में से लगभग 80 प्रतिशत ने शनिवार के दिन मतदान में भाग लिया।देश में ईस्टर धमाकों के करीब सात महीने बाद शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव हुए। इस दौरान छिटपुट हिंसा और फायरिंग की घटनाएं सामने आई। मन्नार में अल्पसंख्यक मुस्लिम वोटरों को ले जा रहीं दो बसों गोलीबारी हुई। इसमें लगभग 269 लोग मारे गए थे और इसके लिए स्थानीय इस्लामवादी चरमपंथियों पर दोषी ठहराया गया था।
सिंहली क्षेत्र में राजपक्षे को मिला काफी समर्थन
70 वर्षीय राजपक्षे को द्वीप के बहुसंख्यक सिंहली क्षेत्रों में काफी समर्थन देखने को मिला, जबकि प्रेमदासा का द्वीप के अल्पसंख्यक तमिल समुदाय वाले उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में दबदबा देखने को मिला। उदारवादी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के 52 वर्षीय नेता प्रेमदासा, पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या हो गई थी।
सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा
पूर्व चेतावनी के बावजूद हमलों को रोकने में विफल रहने के लिए सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने डिप्टी प्रेमदासा को पूर्व महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गौतबाया राजपक्षे के खिलाफ मैदान में उतारा है।
कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे
गोटाबाया को तमिल विद्रोहियों पर शिकंजा कसने और 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान मई 2009 में 37 साल के अलगाववादी युद्ध को समाप्त करने के लिए सुरक्षाबलों को निर्देश देने का श्रेय दिया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि राजपक्षे को आज शाम तक श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में घोषित हो सकते हैं।