
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 अप्रैल 2025। संयुक्त राष्ट्र ने अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तत्परता के मामले में दुनियाभर के देशों की रैंकिंग जारी की है। इस रैंकिंग में भारत ने शीर्ष देशों में जगह बनाई है। इस रैंकिंग में 170 देशों को शामिल किया गया है, जिनमें भारत 36वें स्थान पर है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रैंकिंग में पिछले वर्षों की तुलना में सुधार हुआ है। प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2025 की यह रैंकिंग संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास (UNCTAD) द्वारा जारी की गई है। इस रैंकिंग में उन देशों को शामिल किया गया, जो नई और अहम तकनीकों को अपनाने में तत्परता दिखाते हैं।
जानिए क्या है विभिन्न क्षेत्रों में भारत की रैंकिंग
गौरतलब है कि साल 2022 की इस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 48वीं थी और इस बार यह 36वीं आई है। इससे साफ है कि भारत ने इस क्षेत्र में तरक्की की है। इस रैंकिंग में जिन संकेतकों का ध्यान रखा गया, उनमें आईसीटी परिनियोजन, स्किल, रिसर्च और विकास गतिविधियां, औद्योगिक क्षमता और वित्त तक पहुंच शामिल हैं। आईसीटी के मामले में भारत की रैंकिंग 99वीं है। स्किल के मामले में हम 113वें स्थान पर हैं, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट में हम तीसरे स्थान पर हैं, औद्योगिक क्षमता में हमारा 10वां स्थान है। वित्त के मामले में भारत का स्थान 70वां है। मानव संसाधन के मामले में भारत, भूटान, मोरक्को, मालदोवा गणराज्य, टिमोर लेस्टे की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है।
एआई तकनीक के मामले में भी बेहतर काम कर रहा भारत
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्राजील, चीन, भारत और फिलीपींस ने तकनीक के लिए तत्परता दिखाने में शानदार प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘विकासशील देशों को तेजी से बदल रही तकनीक और एआई के लिए तैयार रहने की जरूरत है। विकसित देश इस रैंकिंग में शीर्ष पर हैं, लेकिन कुछ विकासशील देशों जैसे सिंगापुर, चीन और भारत ने भी शीर्ष स्थान हासिल किया है।’ यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन, जर्मनी, भारत, ब्रिटेन और अमेरिका ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में अपनी वैज्ञानिक ताकत दिखाई है। एआई में निवेश के मामले में अमेरिका सबसे आगे है और साल 2023 में अमेरिका ने एआई में 67 अरब डॉलर का निवेश किया। यह पूरी दुनिया में एआई के क्षेत्र में हुए निवेश का 70 प्रतिशत है। इसके बाद चीन ने एआई में 7.8 अरब डॉलर निवेश किए हैं और दूसरे स्थान पर है। 1.4 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत इस मामले में 10वें स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2033 तक दुनियाभर में एआई बाजार 4.8 खरब डॉलर का होगा और डिजिटल बदलाव में इसकी अहम भूमिका होगी। हालांकि अभी इस क्षेत्र में कुछ देशों का ही प्रभुत्व है। एआई के क्षेत्र में 100 प्रमुख कंपनियां काम कर रही हैं और इनमें से अधिकतर अमेरिका और चीन में ही हैं। ये दोनों देश एआई में रिसर्च और डेवलेपमेंट में कुल खर्च का 40 फीसदी खर्च कर रहे हैं। एआई से दुनियाभर में 40 प्रतिशत नौकरियां जा सकती हैं। एआई से नए उद्योग उभर सकते हैं और ये कर्मचारियों को भी फायदा देगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बड़ा टैलेंट पूल है और भारत में इस वक्त करीब 1.3 करोड़ डेवलेपर्स और ब्राजील में 40 लाख डेवलेपर्स हैं।