इंडिया रिपोर्टर लाइव
मनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)। वर्तमान समय में कोयला खदानों में ठेका मजदूरों की अहम भूमिका है। खदानों में नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ ठेका मजदूर कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। कोयला उत्पादन में भी ठेका मजदूर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
लेकिन इसके बावजूद भी ठेका मजदूरों का शोषण बंद नहीं हो रहा है। ठेका मजदूरों को उनके मजदूरी का सही भुगतान निर्धारित समय पर कई जगहों पर नहीं हो रहा है।
कोल इंडिया के द्वारा श्रमसंघों की मांग पर ठेका मजदूरों के लिए हाई पावर कमेटी के द्वारा एचपीसी वेज निर्धारित किया जा चुका है लेकिन प्रबंधन और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण ठेका मजदूरों को एचपीसी वेज भुगतान नहीं हो रहा है और उनकी मजदूरी का भुगतान समय से भी नहीं किया जाता है।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने इंडिया रिपोर्टर लाइव को बताया कि हसदेव क्षेत्र के बिजुरी, बहेराबांध, कुरजा कॉलरी में श्री विशाल ठेकेदार के अंदर काम करने वाले लगभग 80 ठेकेदारी मजदूरों का ठेकेदार के द्वारा जनवरी 2020 से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया था। जिसकी सूचना ठेकेदारी मजदूरों ने एसकेएमएस (एटक) के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह को दिया। कामरेड हरिद्वार सिंह ने इसे बड़े ही गंभीरता से लिया और प्रबंधन पर जबरदस्त दबाव बनाया जिसका परिणाम है कि बिजुरी, बहेराबांध, कुरजा कॉलरी में श्री विशाल ठेकेदार के अंदर काम करने वाले लगभग 80 ठेकेदारी मजदूरों का माह जनवरी और फरवरी 2020 के मजदूरी का तत्काल भुगतान कर दिया गया है। माह मार्च के मजदूरी के भुगतान करने की प्रक्रिया चल रही है और वह भी अविलंब भुगतान कर दिया जाएगा।
एसकेएमएस (एटक) के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि ठेका मजदूरों का शोषण हो रहा है और ठेका मजदूरों के शोषण के खिलाफ एटक संघर्षरत हैं। एटक लगातार ठेका मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ रहा है और आगे भी ठेका मजदूरों के अधिकारों को दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहेगा। कामरेड हरिद्वार सिंह ने प्रबंधन एवं ठेकेदारों को भी चेताया है कि ठेका मजदूरों का शोषण बंद करें और ठेका मजदूरों को निर्धारित एचपीसी भेज का भुगतान निर्धारित समय पर करें। इसी में प्रबंधन, ठेकेदार एवं ठेका मजदूरों का हित है।