
कोरबा : छत्तीसगढ़ की औघौगिक नगरी कोरबा में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के साथ अब एड्स भी फैल रहा है. कोरबा जिला स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों पर नजर डालें तो 831 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या दर्ज है. कोरबा जिले में साल 2003 से एड्स की जांच शुरू की गई थी, जिसमे 2012 की स्थिति में जिले मे कुल 336 एचआईवी पाजिटिव पाये गये थे. इसके बाद 2013 मे इनकी संख्या बढ़कर 397 हो गई. अब साल 2019 में ये संख्या बढ़कर 831 हो गई है.
कोरबा स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले 831 मरीजों में एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है, जिसमें 453 पीड़ितों का उपचार जारी है. अगर औसतन देखा जाये तो जिले मे हर महीने 4 मरीज एचआईवी पाजिटिव निकल रहे हैं. एड्स पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग सकते मे आ गया है. एड्स की रोकथाम के लिये जिले में विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.
जागरुकता ही बचाव
एड्स नियत्रण समिति की काउंसलर मीना मिस्त्री ने बताया कि जागरुकता अभियान तो नियमित चलाया जा रहा है, लेकिन लोगों को खुद को इस बीमारी से बचने प्रयास करने की जरुरत है. गर्भवती महिलाओं का एचआईवी टेस्ट किया जाजा है. ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को एचआईवी से बचाया जा सके. जिस तरह शादी से पहले वर और वधु की कुंडली का मिलान किया जाता है. उसी तरह शादी से पहले एचआईवी टेस्ट जरूर कराना चाहिए.