
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 22 अप्रैल 2023। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा कि वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों का अधिक दबदबा है और गेंदबाजों को भी महत्व मिलना चाहिए। वनडे में गेंद व बल्ले के बीच असंतुलन पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशंसकों की रुचि बनाए रखने के लिए टेस्ट मैच हर तरह की पिचों पर होने चाहिए। पांच दिवसीय मैच एक क्रिकेटर के लिए असली परीक्षा माना जाता है।
गेंदबाज नहीं करा सकता रिवर्स स्विंग
सचिन ने कहा- आप पलक झपकते हैं और मैच खत्म हो जाता है। मुझे लगता है कि तीनों प्रारूप अलग हैं, लेकिन वनडे प्रारूप को करीब से देखने की जरूरत है। गेंद और बल्ले के बीच असंतुलन है और इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में अधिक है।
सोमवार को सचिन 50 साल के हो जाएंगे। उन्होंने कहा- गेंदबाजों को भी कुछ मदद करनी चाहिए क्योंकि मौजूदा नियमों में बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा है। वनडे में दो नई गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं कर सकता है। इससे गेंद न तो नरम होती है न ही उसका रंग फीका पड़ता है।
स्पिन गेंदबाज नहीं दे पा रहे चकमा
उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को भी फायदा मिलना चाहिए। मुझे लगता है कि वह तत्व अभी इस खेल से गायब है। 30 गज के दायरे में पांच क्षेत्ररक्षकों के होने से स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव लेने का खतरा नहीं ले पा रहे हैं। ऑफ स्पिनर मिडल स्टंप की लाइन में गेंद कर रहे हैं और इससे वह बल्लेबाज को चकमा नहीं दे सकते हैं। हम एक रक्षात्मक लाइन के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं और हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है।’
टॉस की अहमियत हो जाएगी खत्म
सचिन ने वनडे क्रिकेट को 25-25 ओवर की चार पारियों में बांटने के अपने पहले दिए सुझाव पर कहा, ‘अभी 50-50 ओवर का मैच है, लेकिन यदि आप 25 ओवर के लिए पहले बल्लेबाजी करते हैं और फिर दूसरी टीम 25 ओवर के लिए बल्लेबाजी करेगी। फिर आप अगले 25 ओवर में वहीं से शुरुआत करेंगे जहां से आपने पहले 25 ओवर खेले थे। इससे टॉस की अहमियत खत्म हो जाएगी क्योंकि मौजूदा प्रारूप में टॉस से एक टीम फायदा उठा लेती है।
अलग-अलग गेंद से हों टेस्ट मैच
टेस्ट क्रिकेट को लेकर सचिन ने कहा, ‘टेस्ट मैच सभी तरह की पिचों पर होने चाहिए जिससे प्रशंसकों की रुचि इस प्रारूप में बनी रहेगी। यह प्रारूप हमारे लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। अलग-अलग जगहों पर अलग गेंदों के इस्तेमाल से टेस्ट क्रिकेट और चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।