हरियाणा में काम आई सोशल इंजीनियरिंग, जम्मू ने दर्शाया कमजोर नहीं पड़ी हिंदुत्व राजनीति की धार

Indiareporter Live
शेयर करे

इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 09 अक्टूबर 2024। आरक्षण और संविधान पर खतरे को लेकर विपक्ष की बनाई धारणा के कारण लोकसभा चुनाव में पहुंचे नुकसान के बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के नतीजे भाजपा के लिए संजीवनी से कम नहीं हैं। हरियाणा में जीत की हैट्रिक और जम्मू-कश्मीर में पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन से न सिर्फ पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र व झारखंड के चुनाव के अलावा यूपी में अहम माने जाने वाले दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर भी इसका असर पड़ना तय है।

ये नतीजे लोकसभा चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं में उपजी निराशा को दूर कर ब्रांड मोदी को फिर से चमकाने में मददगार माने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के हाथ सत्ता की चाबी भले ही न लगी हो, लेकिन यह साफ हो गया कि देश में हिंदुत्व और राष्ट्रवादी राजनीति की धार कुंद नहीं पड़ी है। अनुच्छेद 370 व 35ए के खात्मे के बाद भी भाजपा जम्मू संभाग में फिर अजेय रही है। जाहिर है, भविष्य में कश्मीर घाटी की राजनीति के करवट लेने पर पार्टी वहां चमत्कार करने की स्थिति में रहेगी। यही नहीं, भारी मतदान के साथ मोदी सरकार दुनिया को बड़ा संदेश देने में भी सफल रही है।

हरियाणा ने दी असली राहत
भाजपा को असली राहत हरियाणा के नतीजों ने दी, क्योंकि जिस राज्य में लोकसभा चुनाव में पार्टी ने आधी सीटें गंवा दी थीं, वहां उसे अपने दम पर दूसरी बार बहुमत मिला है। यह लोकसभा चुनाव में छिटके ओबीसी व दलित वर्ग का विश्वास फिर हासिल करने से संभव हुआ। पार्टी गैरजाट बिरादरियों को साधने में भी सफल रही।

काम आई संघ की सक्रियता : चुनाव की कमान परोक्ष रूप से संघ ने संभाली थी। दोनों राज्यों में संघ ने निराश कार्यकर्ताओं को घर से निकालने, चुनावी प्रबंधन, टिकट वितरण और रणनीति में हस्तक्षेप किया। इससे कोर मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में सफलता मिली। संघ से खटास की खबरों के बीच ये नतीजे दोनों को करीब लाएंगे।

समय अहम : नतीजे ऐसे समय आए हैं, जब अगले महीने झारखंड-महाराष्ट्र में चुनाव की संभावना है। नए साल में दिल्ली और अंत में बिहार में चुनाव होंगे। महाराष्ट्र में सत्ता की चाबी ओबीसी, तो झारखंड में अनुसूचित जनजाति के पास है। दिल्ली में दलितों की बड़ी आबादी है तो बिहार की पहचान ही जातीय राजनीति है।

सुरक्षित सीटों पर बेहतर प्रदर्शन
हरियाणा की बात करें तो भाजपा ने लोकसभा चुनाव नतीजों को पीछे छोड़ते हुए दलित बहुल इलाकों में मजबूत स्थिति दर्ज कराई है। बीते चुनाव में 17 में से महज पांच सुरक्षित सीट जीतने वाली भाजपा इस बार आठ सीटों पर जीती। पार्टी ने ओबीसी, वैश्य, ब्राह्मण और पंजाबी समुदाय प्रभावी सीटों पर भी लोकसभा चुनाव के मुकाबले प्रदर्शन में सुधार किया है। बीते चुनाव के मुकाबले पार्टी के मतप्रतिशत में बढ़ोतरी भी उसके लिए सुखद संदेश है।

Leave a Reply

Next Post

आज देशभर में भूख हड़ताल करेंगे डॉक्टर्स, आरजी कर अस्पताल के 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

शेयर करे इंडिया रिपोर्टर लाइव कोलकाता 09 अक्टूबर 2024। पश्चिम बंगाल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर आज डॉक्टर्स राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल करेंगे। डॉक्टर्स द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन […]

You May Like

बांग्लादेश की शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग पर भारत ने दिखाया कड़ा रुख....|....ईडी ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर पर की बड़ी कार्रवाई, जब्त किया ठाणे का फ्लैट....|....केंद्रीय गृहमंत्री बोले- सुरक्षा ढांचे को मजबूत करे आईबी, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहे....|....इस बार गणतंत्र नहीं, वीर बाल दिवस पर मिलेगा बहादुर बच्चों को पुरस्कार; राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित....|....वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राज्यों से सुझाव लेगी संयुक्त संसदीय समिति, 26-27 दिसंबर को होगी अहम बैठक....|....संभल, वाराणसी के बाद जौनपुर में मंदिर विवाद, शाही पुल की दीवार के अंदर मां काली की मूर्ति होने का दावा....|....सीएम आतिशी के सामने होंगी अलका!... 28 सीटों पर बनी बात; आज आ सकती है कांग्रेस की दूसरी लिस्ट....|....विष्णु के सुशासन में महिलाओं को मिल रहा सम्मानः विधायक अमर अग्रवाल ....|....तेलुगु फिल्म से डेब्यू करेंगी आयरा बंसल ....|....देश के 45 शहरों में रोज़गार मेला, पीएम मोदी 71000 युवाओं को देंगे नियुक्ति पत्र