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नई दिल्ली 14 दिसंबर 2021। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ाने के लिए तेल उत्पादक देश बनावटी रूप से आपूर्ति घटा रहे हैं। पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि ओपेक व अन्य सहयोगी देशों की मनमानी से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं थी। मंत्री ने कहा, जनता को राहत देने के लिए पहली बार हमें रणनीतिक रिजर्व तेल का इस्तेमाल करना पड़ा। अमेरिका, चीन, जापान, कोरिया के साथ मिलकर भारत ने 48 लाख बैरल कच्चा तेल वैश्विक बाजार में जारी किया। ओपेक व रूस सहित अन्य सहयोगियों ने 4 लाख बैरल बढ़ाने की बात कही है, लेकिन इससे ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। तेल खपत कोविड पूर्व स्तर तक पहुंच गई है, लिहाजा ओपेक को भी आपूर्ति 2019 के स्तर तक बढ़ानी होगी।
देश में कुल 74 दिन का भंडार
पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने सदन को बताया कि देश में 3.8 करोड़ बैरल कच्चे तेल का रणनीतिक भंडार है, जो 9.5 दिन की खपत के बराबर होगा। तेल विपणन कंपनियों के पास 64.5 दिन की खपत के बराबर भंडार है। इस तरह, देश में कच्चे तेल का कुल भंडार 74 दिन के बराबर है, जबकि हम अपनी कुल खपत का 85 फीसदी तेल आयात करते हैं।