
इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 11 जनवरी 2022। मध्य प्रदेश में एक बंदर की मौत चर्चा का विषय बन गई है। इस मौत ने इंसान और जानवरों के बीच अनकहे रिश्ते को भी बखूबी बयां किया है। इंसानियत और मानवता की अनूठी मिशाल पेश की है। दअरसल, मध्य प्रदेश के राजगढ़ स्थित एक गांव में बंदर की मौत हो गई थी। इस मौत के बाद गांव वालों ने जो किया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। अब इस गांव की चर्चा पूरे राज्य में हो रही है। डालूपुरा गांव के सरपंच अर्जुन सिंह ने बताया कि उनके गांव में करीब दो सप्ताह पहले एक बंदर आया था, वह काफी बीमार था। गांव वाले उसे इलाज के लिए राजगढ़ भी ले गए, लेकिन वह बच नहीं सका। उस बंदर की मौत से पूरा गांव दुखी हो गया। हिंदू धर्म में बंदर को हनुमान जी का रूप माना जाता है। इसलिए, उसकी मौत के बाद इंसानों की तरह सभी कार्यक्रम किए गए।
तीसरा से लेकर मनाई गई तेहरवीं
गांव वालों ने बंदर की मौत के बाद इंसानों की तरह उसका हर एक कार्यक्रम किया। बंदर की शव यात्रा निकाली गई। उज्जैन ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार हुआ। तीसरा का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें गांव वालों ने मुंडन करवाया और उसकी अस्थियों को ले जाकर शिप्रा नदी में विसर्जित किया। इसके बाद 11वां व तेहरवीं का कार्यक्रम भी किया गया।
गांव वालों ने मिलकर कराया शांति भोज
बंदर की मौत के बाद गांव वालों ने मिलकर शांति भोज का भी आयोजन किया। दावा किया जा रहा है कि इसमें हजारों लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम में कढ़ी, सेव पूरी, छाछ का प्रसाद गांव वालों को बांटा गया।