झारखंड में अब गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन का प्लेट लगाना होगा गैरकानूनी

indiareporterlive
शेयर करे

विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट व बोर्ड लगाने की छूट

इंडिया रिपोर्टर लाइव

रांची 11 मार्च 2021। झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है। वाहन के शीशे के भीतर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किए जाने का आदेश जारी किया है।

सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट व बोर्ड लगाने की छूट दी है। किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढंका नहीं होना चाहिए। नेम प्लेट का आकार 18 गुना छह इंच से अधिक नहीं होना चाहिए। विधायिका के लिए हरा, न्यायपालिक, वैधानिक आयोग, कार्यापालिका व केंद्रीय कार्यालय के लिए लाल व विधि व्यवस्था संधारण व प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए नीला रंग का बोर्ड लगाना होगा। 

किस-किस को मिली है छूट

विधायिका  राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदधारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान की 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटोकॉल के तहत आने वाली गाड़ियां।

न्यायपालिका प्राधिकार  झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त।

कार्यपालक प्राधिकार  मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागा के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव।

वैधानिक आयोग जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य नि:शक्ता आयुक्त, राज्य के कुलपतिगण।

केंद्रीय कार्यालय – प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक।

विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों में किसे होगा अधिकार

डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी। सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक जिला खनन पदाधिकारी।

इन्हें लेनी होगी भारत सरकार से अनुमति

भारत सरकार के मंत्रालय के वैसे अधिकारी जो राज्य में पदस्थापित हैं, उन्हें संबंधित विभाग, सरकार से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के बाद ही वह बोर्ड लगा पाएंगे। 

Leave a Reply

Next Post

कोरोना से बचाव के लिए प्राथमिक संपर्क की जानकारी देना जरूरी

शेयर करेजानकारी नहीं देने पर एफ आई आर कराई जायेगी इंडिया रिपोर्टर लाइव रायपुर 11 मार्च 2021 ।  कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन ने कोरोना से बचाव और प्रसार को रोकने के लिए कोविड-19 प्रभावित सभी लोगों को अपने पिछले दिनो मे मिलने – जुलने वाले प्राथमिक कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी अनिवार्य […]

You May Like

दुनिया के हालात बदलेंगे यूपी के डिफेंस सेक्टर की तस्वीर, 25 हजार करोड़ के रक्षा उत्पादों का होगा निर्यात....|....फिल्म के प्रमोशन में अक्षय कुमार ने फैंस से की अपील, बोले- ‘केसरी 2’ का ना करें अपमान, फोन रखें दूर....|....'भाजपा समाज को बांट रही, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे', मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक में ममता....|....ड्रग्स का उत्पादन, वितरण और उपभोग पर कड़ी नजर, इन दवा दुकानों की सूची गृह सचिव को उपलब्ध कराने का आदेश....|...."झारखंड कल्याण की चिंता छोड़ परिवार कल्याण पर सिमटा JMM महाधिवेशन", प्रतुल शाहदेव का हमला....|....रोहित शर्मा को लेकर आई बड़ी खबर, एमसीए ने लिया बड़ा फैसला....|....यात्रा में घोड़ा-खच्चर बीमार हुए तो होंगे क्वारंटीन, कोटमा और फाटा में स्थापित किए गए सेंटर....|....'सभी याद रखें सोनिया-राहुल जमानत पर बाहर', नेशनल हेराल्ड केस में भाजपा का हमला, ममता को भी सुनाई खरी-खरी....|....नए वक्फ कानून पर सुनवाई आज; मंत्री रिजिजू बोले- भरोसा है, अदालत विधायी मामले में दखल नहीं देगी....|....'पाकिस्तान ने तालिबान पर दोहरा चरित्र अपनाया, आतंकवाद पर अपने ही जाल में फंसा', जयशंकर की खरी-खरी