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नई दिल्ली 29 अगस्त 2024। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में शिशुगृह का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि यहां बच्चों के लिए खेलने की जगह, सोने की जगह और एक भोजन क्षेत्र है। शिशुगृह का एकमात्र उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को न्यायिक क्षेत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना और एक सुरक्षित और बेहतर माहौल बनाना है। चंद्रचूड़ ने कहा, “हमारे पास कई सारे युवा वकील रोज काम करने आते हैं। हमारे पास 2500 सदस्यों का स्टाफ है। पुराना शिशुगृह 198 वर्गमीटर का था। यह शिशुगृह 450 वर्गमीटर में फैला हुआ है। यहां वकीलों और स्टाफ के 100 बच्चे रह सकते हैं। इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और बेहतर माहौल बनाना है।” उन्होंने आगे कहा, “इस शिशुगृह में बच्चों के लिए खेलने, खाने और सोने की जगह है। इसका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को बच्चों की चिंता किए बिना न्यायिक क्षेत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि अन्य संगठनों को इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, दूसरे संगठनों को हमसे सीख लेनी चाहिए, क्योंकि महिलाओं को प्रोत्साहित करने का यह एक तरीका है, जहां बच्चे सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों में रह सकते हैं। शिशुगृह का उद्घाटन करने के बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मामलों की सुनवाई शुरू की। उन्होंने कहा, “माफी चाहता हूं कि कार्यवाही शुरू करने में समय लगा। हमने युवा पुरुष और महिलाओं के लाभ के लिए शिशुगृह का उद्घाटन किया। इससे पहले जो शिशुगृह था, उसमें 30 बच्चे ही रह सकते थे, लेकिन अब नए वाले में 100 बच्चे रह सकते हैं।इससे पहले डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ब्रांच का भी उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश के साथ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल भी थे।