
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 मई 2025। सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की तद में हैं। भारत जब चाहे, जहां चाहे आतंक के ठिकानों को निशाना बना सकता है, उसे ध्वस्त कर सकता है। एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘पूरा पाकिस्तान जद में है।’ उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा।
लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।
‘पाकिस्तान से पूरी तरह निपटने के लिए पर्याप्त हथियार’
लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी तरह निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं। इसलिए चाहे वह सबसे बड़ा हो या सबसे छोटा, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी जद में है। हम पूरी तरह सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं से हो या फिर हमारी गहराई से, हम पूरे पाकिस्तान से निपट सकते हैं। जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहें, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी हमारी जद में हैं, इसलिए उनके लिए जगह बदलना वास्तव में एक गहरा गड्ढा खोजने जैसा (पाताल में जगह खोजने जैसा) होगा।
‘हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना’
लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने आगे इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, ‘हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम हैं, जिसका मकसद नागरिक ठिकानों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था। यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है, बल्कि हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे, वे भी इन ड्रोन हमलों को लेकर चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े कुछ अहम तथ्य
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आधुनिक युद्ध में विशेष रूप से ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों को बेअसर करने में देश की सैन्य तैयारियों को पुष्ट किया। इस ऑपरेशन ने भारत की एकीकृत कमान संरचनाओं का लोहा मनवाया। इससे विभिन्न सैन्य शाखाओं के बीच निर्बाध समन्वय संभव हुआ। ऑपरेशन सिंदूर भारत के ‘शिशुपाल सिद्धांत’ को दिखाता है, जिसमें उकसावे की सीमा पार होने तक धैर्य रखना और उसके बाद निर्णायक कार्रवाई करना शामिल है। यह ऑपरेशन प्रतिक्रियात्मक रक्षा से सक्रिय सुरक्षा सिद्धांत में बदल गया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ साहसिक कार्रवाई करने की भारत की इच्छा को दुनिया के सामने स्पष्ट किया।