इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 अक्टूबर 2024। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जांच आयोग के समक्ष गवाही दी, जिस पर विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने जो सुना है वह नई दिल्ली के लगातार रुख की पुष्टि करता है। हम लगातार यह कहते आ रहे हैं कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है। कनाडाई पीएम ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि उन्हें खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकार के एजेंटों के शामिल होने के बारे में केवल खुफिया जानकारी थी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं था। ट्रूडो के बयान से संबंधित मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बृहस्पतिवार तड़के एक बयान जारी किया। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘आज जो हमने सुना है, वह केवल उस बात की पुष्टि करता है जो हम लगातार कहते आर रहे हैं कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में हमें कोई भी सबूत पेश नहीं किया है।’
मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अभद्र व्यवहार से भारत-कनाडा संबंधों को जो नुकसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी अकेले प्रधानमंत्री ट्रूडो की ही है। संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थानों में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच से पहले गवाही देते हुए, ट्रूडो ने दावा किया कि भारतीय राजनयिक उन कनाडाई लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे थे, जो नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं और इसे भारत सरकार और आपराधिक संगठनों जैसे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के उच्चतम स्तर तक पहुंचा रहे थे।
भारत ने भारतीय एजेंटों को कनाडा में आपराधिक गिरोहों के साथ जोड़ने के कनाडाई अधिकारियों के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि ओटावा का यह दावा कि उसने निज्जर मामले में नई दिल्ली के साथ सबूत साझा किए थे, सच नहीं है। इसके अलावा, नई दिल्ली ने ट्रूडो के पिछले आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत उनके देश में कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाने वाले गुप्त अभियानों को अंजाम देने सहित अन्य गतिविधियों में शामिल था। भारत ने इससे पहले सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और निज्जर की हत्या की जांच से दूत को जोड़ने के ओटावा के आरोपों को खारिज करने के बाद कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की भी घोषणा की थी।