
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 17 मार्च 2024। भारतीय मूल के चिकित्सकों का वैश्विक संघ (जीएपीआईओ) के सम्मानित डॉक्टर न केवल स्वास्थ्य पेशेवर हैं, बल्कि मानवता के समर्पित सेवक हैं। ये डॉक्टर 50 से ज्यादा देशों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यह बात कही। राजनाथ सिंह जीएपीआईओ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, जीएपीआईओ के सम्मानित डॉक्टर केवल स्वास्थ्य सेवा के पेशेवर नहीं। वे मानवता के लिए समर्पित सेवक हैं, जो पचास से ज्यादा देशों में लोगों के जीवन की बेहतरी के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उनकी सेवा पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और उससे आगे रोगियों को अपना उपचार भेजने की कोई सीमा नहीं जानती है।
रक्षा मंत्री ने कहा,जब हम दुनियाभर में सेवा दे रहे भारतीय मूल के डॉक्टरों की बात करते हैं तो हम समझाते हैं कि ‘भारतीय मूल’ शब्द का वास्तव में अर्थ क्या है। सीधे शब्दों में भारतीय मूल के लोग वे हैं, जिनके पारिवारिक वंश का भारत में पता लगाया जा सकता है, चाहे वह वंश माता-पिता, दादा-दादी या भारत में रहने वाली पीढ़ियों के माध्यम से हो। लेकिन भारतीय मूल का दायरा वंश से कहीं आगे तक फैला हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय मूल के लोगों ने कॉर्पोरेट सीमाओं को पार किया है, भारतीय जड़ों, अतीत के मूल्यों, विश्वासों और आदर्शों को गले लगाया है और हमारी राष्ट्रीय पहचान को बचाया है। हम भारतीय मूल्य में विश्व को एक परिवार के रूप में मानते हैं। आप में से हर कोई विभिन्न देशों में सेवा करते हुए अन्य राष्ट्रों के लोगों को अपना बताकर हमारे लोकाचार का उदाहरण पेश कर रहे हैं। ये भारतीय मूल्य हैं, जो हमारे आचरण और चरित्र में गहराई से समाए हुए हैं।