इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंफाल 21 दिसंबर 2024। मणिपुर पुलिस ने चुराचांदपुर और इंफाल पश्चिम जिलों में अलग-अलग अभियानों के दौरान एक प्रतिबंधित संगठन के एक कैडर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारी सामग्री बरामद की। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) का गिरफ्तार सदस्य जबरन वसूली गतिविधियों में शामिल था। वहीं, सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को चुराचांदपुर जिले के लामजांग गांव से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान 33 साल के जंगनेउ हाओकिप और 42 वर्षीय लिलिलन हाओकिप के रूप में की गई है। बरामद सामग्री में एक नौ मिमी कारबाइन मशीन गन, एक पिस्तौल, 123 जीवित कारतूस, एक चार पहिया वाहन और दो मोबाइल फोन शामिल हैं।
दो को किया गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई गुरुवार को की गई थी। मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ’19 दिसंबर को सुरक्षा बलों ने चुराचंदपुर जिले के लामजांग गांव से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। उनकी पहचान जंगनेउ हाओकिप और लिलिलन हाओकिप के रूप में हुई है।’
माउकोट गांव से बरामद हुए हथियार
चुराचंदपुर के माउकोट गांव में एक अलग तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने अतिरिक्त हथियार बरामद किए। मणिपुर पुलिस ने बताया, ‘सुरक्षा बलों ने पहाड़ी और घाटी के जिलों के किनारे और संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाए। तलाशी के दौरान माउकोट गांव, चुराचंदपुर जिले से एक .303 राइफल (खाली मैगजीन के साथ) और एक नौ मिमी पिस्तौल (देशी निर्मित) बरामद की गई।’
यहां भी की गई तलाशी
इंफाल पूर्व जिले के वाकन हिल रेंज में एक अन्य तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एक सिंगल बैरल गन, एक नौ मिमी पिस्तौल (मैगजीन के साथ), एक .32 पिस्तौल (मैगजीन के साथ), दो नौ मिमी गोलियां, चार पम्पी और एक ट्रिगर के साथ एक कंबल शर्ट बरामद की।
क्या है मामला?
मणिपुर में मैतेई समुदाय और कूकी समुदाय के बीच हिंसा पिछले साल तीन मई को उस समय शुरू हुई थी जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।