इंडिया रिपोर्टर लाइव
लंदन 19 मार्च 2024। पिछले साल ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के मामले में भारत को कूटनीतिक सफलता मिलने वाली है। ब्रिटेन की सुनक सरकार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल खालिस्तान समर्थक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। ये संगठन ब्रिटेन में बैठकर भारत के खिलाफ आतंकवाद या नफरत फैलाने की साजिश में लगे हुए हैं। प्रतिबंधित संगठनों में इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF ), खालसा टेलीविजन लिमिटेड, खालिस्तानी टेलीविजन चैनल और कुछ नेता शामिल हैं। सूत्रों से पता चला है कि ब्रिटिश गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में एक सूची तैयार की है। इसमें भारतीय उच्चायोग पर हमले में खालिस्तानी संलिप्तता का विवरण दिया गया है।अंतर्राष्ट्रीय सिख युवा महासंघ यूके इस सूची में शामिल है। इसे हिंदुओं और भारतीय अधिकारियों को निशाना बनाकर हत्या, बमबारी और अपहरण के लिए जिम्मेदार बताया जाता है। 2016 में इस पर प्रतिबंध हटा लिया गया था। यह प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी जुड़ा है। यह संस्था युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगी हुई है। इसी तरह खालिस्तान समर्थकों को स्पोर्ट करने वाले खालसा टेलीविजन लिमिटेड पर फरवरी 2021 में 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था और लाइसेंस रद्द कर दिया गया था लेकिन यह अब भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तानी फंडिंग नेटवर्क की कमर तोड़ने के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स ने खालिस्तान समर्थकों के 300 से ज्यादा बैंक खाते जब्त कर 100 करोड़ रुपये की रकम जब्त की है। टास्क फोर्स ने इन सभी बैंक खातों से कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों से संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है।
बताया जा रहा है कि खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के खाते से करीब 20 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं. बता दें कि भारत के सुझाव पर ब्रिटेन में बढ़ते खालिस्तानी आतंकवाद से निपटने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया था। बताया जा रहा है कि एसटीएफ की लिस्ट में ऐसे 5000 और अकाउंट हैं, जिन्हें टास्क फोर्स ने दो तरह से बांटा है। पहले नंबर पर वे अकाउंट हैं जो सीधे तौर पर खालिस्तानी नेताओं के हैं, जबकि दूसरे नंबर पर खालिस्तानी समर्थकों के अकाउंट हैं। अगर बैंक खाते से एक बार में 50 हजार रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन होता है तो डिटेल निकाली जाती है। इसके अलावा टास्क फोर्स ने खालिस्तानियों के अमेरिकी नेटवर्क को तोड़ने के लिए अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई से भी संपर्क किया है। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में खालिस्तानी उग्रवाद की कमर तोड़ने के लिए एफबीआई और ब्रिटिश टास्क फोर्स मिलकर काम करेंगे।