इंडिया रिपोर्टर लाइव
सुलतानपुर, 07 दिसम्बर 2021 । सब तो यही जानते हैं कि चाइल्ड लाइन बच्चों के हित को सुरक्षित करने के लिए संचालित होती है, लेकिन यहां के कर्मचारियों ने ही एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता का गुपचुप तरीके से प्राइवेट नर्सिंग होम में प्रसव करवाया फिर उसके बेटे को बेच दिया। इस शर्मसार करने वाले हैरतअंगेज कारनामे का पता तब चला जब प्रोबेशन महकमे ने बालिका का फालोअप करवाया। पीड़िता व उसकी मां के बयान पर जब गोसाईंगंज थाने की पुलिस ने जांच शुरू की तो जानकारी मिली है। चाइल्ड लाइन की ही महिलाकर्मी ने पीडि़ता को प्रसव के लिए भर्ती कराया और ऑपरेशन आदि के पैसा का भुगतान किया है।
गोसाईंगंज क्षेत्र के एक गांव की 16 वर्षीय बालिका करीब साल भर पहले सुलतानपुर स्टेशन पर लावारिस मिली थी। रेलवे पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन भेजा। वहां काउंसिलिंग की गई तो गांव के ही एक युवक द्वारा दुष्कर्म किये जाने व मेडिकल परीक्षण मे गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी। तब गोसाईंगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर मुलजिम को जेल भेजा व सीडब्ल्यूसी के माध्यम से पीड़ित बच्ची को उसके माता पिता के साथ भेजा गया था।
उसी बालिका की सामाजिक शारीरिक स्थिति का पता लगाया जाने लगा तो पता चला कि उसे दो चाइल्ड लाइनकर्मी एक दिन घर से ले आए। उनमें से एक महिलाकर्मी बालिका को अपने साथ लिया ले गयी। कई महीनों तक साथ रखा। फिर गर्भ पूरा होने पर चुनहा करौंदिया स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया। वहां ऑपरेशन से बेटा पैदा हुआ, जिसे महिला कर्मी ने किन्ही दो औरतों को दे दिया, पीडि़ता रोने चिल्लाने लगी तो उसे डांटकर चुप करा दिया। फॉलोअप में काउंसलर ने स्पष्ट लिखा है कि प्रतीत होता है कि बच्चा बेच दिया गया है। प्रोबेशन अधिकारी व सीडब्ल्यूसी ने प्रकरण में थाना गोसाईगंज थाने से विस्तृत जांच करने को कहा तो गहन व गोपनीय जांच शुरू की गई है।
प्रारम्भिक जांच में आरोप की हो रही पुष्टि : एसओ गोसाईंगंज संदीप राय ने बताया कि पीड़िता व उसकी मां से पूछताछ में चाइल्डलाइन कर्मियों के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि हो रही है। साकेत नर्सिंग होम में तारा शुक्ला ने प्रसव के लिए भर्ती करवाया था। बच्चा कैसे कौन ले गया उसका पता लगाकर बरामद किया जाएगा।