
इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 08 मई 2021। देश में महामारी कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इस बीच भी पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी की तकरार केंद्र सरकार के साथ लगातार जारी है। ममता बनर्जी कोरोना महामारी से निपटने को लेकर लगातार केंद्र पर सवाल उठाती रही हैं। कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी ने पूरे देश में मुफ्त टीका देने की बात कही थी। अब ममता बनर्जी सरकार टीको के मुफ्त वितरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
ममता बनर्जी सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि देश में एक समान टीकाकरण की नीति होनी चाहिए। बता दें कि ममता सरकार ने राज्य में फ्री वैक्सीन देने की घोषणा की है। बंगाल सरकार का कहना है कि कोविड टीका उपलब्ध कराने के लिए केंद्र को तत्काल कदम उठाने चाहिए। साथ ही ये टीके राज्यों को मुफ्त में दिए जाने चाहिए। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले अपने हलफनामे में कहा, ”राज्यों को वैक्सीन की कीमतों पर व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने और मोलभाव करने के लिए नहीं कहा जा सकता है। अगर राज्यों को टीके के लिए धन आवंटित करने को मजबूर किया जाएगा, जो पहले से ही महामारी के कारण जूझ रहे हैं, तो स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
एक राष्ट्र की रट लगाने वाले लोग एक मूल्य नहीं रख सकते
ममता बनर्जी ने पिछले महीने वैक्सीन को लेकर ट्वीट किया था। ममता ने लिखा, ”एक राष्ट्र, एक पार्टी, भाजपा के नेता हर समय चिल्लाते हैं, लेकिन जीवन बचाने के लिए वे वैक्सीन के लिए एक मूल्य नहीं रख सकते हैं। प्रत्येक भारतीय को उम्र, जाति, पंथ, स्थान की परवाह किए बिना नि: शुल्क वैक्सीन की आवश्यकता है। भारत सरकार को एक मूल्य तय करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ्ते की शुरुआत में कोविड वैक्सीन की कीमतों को लेकर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा कि यह अराजकता का कारण होगा। साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र को अपनी नीति को फिर से जारी करने का निर्देश दिया था।
वैक्सीन की अलग-अलग नीति
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने वैक्सीन को अलग-अलग कीमत पर राज्यों को बेचने का फैसला किया है। सीरम ने कहा कि वह राज्य सरकारों को 300 रुपये में कोविशील्ड वैक्सीन बेचेगी, जबकि भारत बायोटेक ने कहा कि वह कोवैक्सीन की प्रति खुराक 400 रुपये देगी। इसके बाद, बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि राज्य सरकार से वैक्सीन की कीमत लेना सही नहीं है। केंद्र सरकार को इस मामले में एक समान नीति अपनानी चाहिए ताकि राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन मिल सके और वह राज्य के लोगों को मुफ्त में ही इसे दे सकें। राज्य ने टीकों की कीमत में असमानता के बारे में सवाल उठाए हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मामले पर केंद्र से जवाब मांगा है।