
इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ़। पंजाब में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले की जांच केंद्र सरकार ने सीबीआई के हवाले कर दी है लेकिन राज्य सरकार ने सीबीआई को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इससे पहले दो बार राज्य सरकार से घोटाले से जुड़े दस्तावेज और जांच की रिपोर्ट तलब की थी लेकिन राज्य सरकार ने न तो मंत्रालय को कोई दस्तावेज सौंपा और न ही अब सीबीआई को जांच सौंपने को ही राजी है। हाल ही में सीबीआई ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उक्त मामले से जुड़े दस्तावेज देने का आग्रह किया था लेकिन राज्य सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई।
इसी माह केंद्र सरकार ने पंजाब के सामाजिक न्याय विभाग को घोटाले से संबंधित सूबे के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। रिपोर्ट में कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर एससी स्कॉलरशिप फंड में 63.91 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था। कृपा शंकर सरोज की रिपोर्ट जब पहली बार सामने आई तो राज्य सरकार ने तीन आईएएस अधिकारियों की कमेटी का गठन कर जांच का काम सौंपा। इस कमेटी ने धर्मसोत को क्लीन चिट देते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। लेकिन विपक्ष द्वारा इस मामले को लगातार उठाया जाता रहा और केंद्र सरकार के समक्ष भी शिकायत दी गई। इस पर केंद्र ने दो बार पंजाब सरकार को पत्र भेजकर जांच रिपोर्ट तलब की लेकिन राज्य सरकार ने इसका कोई उत्तर नहीं दिया। पंजाब सरकार के रुख को देखते हुए आखिरकार केंद्र सरकार ने यह मामला सीबीआई के हवाले कर दिया। सीबीआई ने भी तेजी दिखाते हुए पंजाब सरकार से घोटाले और उसकी जांच संबंधी दस्तावेज मांग लिए।
सीबीआई पंजाब में नहीं कर सकती सीधे जांच
पंजाब सरकार ने पिछले साल सीबीआई से राज्य में किसी भी मामले की जांच करने वाली सामान्य सहमति (जनरल कंसेंट) वापस ले लिया था। इस तरह पंजाब सरकार ने सीबीआई के लिए पिछले साल ही अपने दरवाजे बंद कर दिए। इसके चलते सीबीआई को अब पंजाब में किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की इजाजत जरूरी है। इस संबंध में पंजाब सरकार नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है। ऐसे में स्कॉलरशिप घोटाले में भी सीबीआई को कोई भी कार्रवाई या जांच करने से पहले पंजाब सरकार की अनुमति लेनी होगी, जो फिलहाल मिलना मुश्किल है।