
इंडिया रिपोर्टर लाइव
जयपुर 09 फरवरी 2022। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों के साथ सरकार ने तीन लाख पांच हजार करोड़ के एमओयू और एलओआई हस्ताक्षर किए हैं। इससे प्रदेश में 90 हजार मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि यह सरकार की नीतियों का परिणाम है कि राज्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में देश-विदेश की जानी-मानी कंपनियां प्रदेश में निवेश के लिए आ रहीं हैं। हमारा प्रयास है कि राजस्थान सोलर उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी विकसित हो। निवेशकों को सरकार भरपूर सहयोग देगी। सीएम ने कहा कि जिस गति से राज्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में बड़ी भागीदारी निभाएगा। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते तीन साल में कई नीतिगत पहल की है। राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी का हब बनाने के लिए हमारी सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 और विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी जारी की थी। निवेशकों को अनुकूल माहौल देने के लिए रिप्स-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली, एमएसएमई एक्ट जैसे कई निर्णय लिए गए। राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ते हुए निवेश में आ रहीं समस्यों को दूर किया गया है।
इन कंपननियों के साथ एमओयू और एलओआई हस्ताक्षरित
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के पांच सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ एमओयू व एलओआई हस्ताक्षरित किए गए। एनटीपीसी की ओर से 40 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, एनएचपीसी की ओर से 20 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, सतलज जल विद्युत निगम की ओर से 50 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से 40 हजार करोड़ की लागत से 10 गीगावाट, एसईसीआई की ओर से नौ हजार करोड़ की लागत से दो गीगावाट, रिलायंस समूह की ओर से एक लाख करोड़ की लागत से 20 गीगावाट, एक्सिस एनर्जी समूह की ओर से 37 हजार करोड़ की लागत से 28 गीगावाट सोलर पार्क और सुखवीर एग्रो समूह की ओर से दो गीगावाट के एमओयू व एलओआई शामिल हैं।