
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 22 मई 2023। महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण कर सकता है। अंतरिक्ष यान से जुड़े सभी जरूरी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। यूआर राव उपग्रह केंद्र में यान के साथ पेलोड को जोड़ने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसरो ने सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन के लिए जरूरी हॉट टेस्ट भी पूरा कर लिया है।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जुलाई की शुरुआत में यान को प्रक्षेपित करने का फैसला तो किया है, पर अभी अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। चंद्रयान कार्यक्रम के इस तीसरे अंतरिक्ष यान को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश के सबसे वजनी प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके-3 से प्रक्षेपित किया जाएगा। गौरतलब है कि इसी साल मार्च में चंद्रयान-3 ने प्रक्षेपण में पैदा होने वाली परिस्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया था।
चांद की मौलिक संरचना का होगा अध्ययन
चंद्रयान-3 वैज्ञानिक उपकरणों को भी ले जाएगा। इसके जरिये चांद की सतह पर मौजूद धूल, टूटी चट्टानों व अन्य सामग्रियों के ताप-भौतिक गुणों, भूकंपीय क्षमता, चांद की सतह के प्लाज्मा पर्यावरण व मौलिक संरचना का अध्ययन होगा।
यान के तीन हिस्से हैं
प्रपल्सन (प्रणोदन), लैंडर व रोवर। प्रपल्सन प्रणाली यान को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाएगा। लैंडर यान की सुरक्षित लैंडिंग कराएगा। रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरकर सामग्री एकत्र करेगा और पृथ्वी पर स्थित केंद्र को भेजेगा।