इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 11 जनवरी 2025। दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक साथ पांच फरवरी को मतदान होंगे। चुनावी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर तेज होता जा रहा है। अब आम आदमी पार्टी ने अपने नए पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। आप ने पोस्टर में इन सभी पार्टियों को एक साथ दिखाया है। आप ने पोस्टर में अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, संदीप दीक्षित, अजय माकन को एक साथ दिखाया है। वहीं, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल को ईमानदार कहा है।
अभद्र भाषा बोलने वाले को भाजपा बना रही सीएम चेहरा : आतिशी
वहीं, विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी सियासी खींचतान शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में दावा किया कि भाजपा अभद्र भाषा बोलने वाले प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी को मुख्यमंत्री चेहरा बनाने जा रही है। भाजपा की सीईसी की बैठक में तय हुआ है कि रमेश बिधूड़ी को मुख्यमंत्री चेहरा बनाया जाएगा।
आतिशी ने कहा कि भाजपा से लोग पूछ रहे हैं कि उनका सीएम चेहरा कौन हैं, जबकि आप ने सीएम चेहरे को घोषित कर दिया है। रमेश बिधूड़ी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। बिधूड़ी अपनी ही पार्टी के पूर्वांचली नेताओं से गलत व्यवहार करते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। यही नहीं बिधूड़ी ने मेरे व परिवार के लिए भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है
‘लोगों के सामने दो विकल्प’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोगों के सामने दो विकल्प हैं। एक तरफ अरविंद केजरीवाल हैं जो आईआईटी खड़गपुर से पढ़े हैं। वे आईआरएस ऑफिसर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में 24 घंटे बिजली, घर-घर पानी पहुंचाने, सरकारी स्कूलों को बेहतर करने, मुफ्त इलाज, बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा दी है। दूसरी तरफ, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां करने वाले रमेश बिधूड़ी हैं।
सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे केजरीवाल : भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने शुक्रवार को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि वे सत्ता खोने के डर से मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। केजरीवाल सत्ता बचाने के लिए दिल्ली के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सचदेवा ने केजरीवाल के हालिया बयानों और पोस्टर को उनकी हताशा व चरित्र का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया। इसके अलावा 21 और 22 सितंबर को महिला विरोधी बयान दिए। उन्होंने दिसंबर में बांग्लादेशी व रोहिंग्या वोटरों को जोड़ने के लिए दबाव डाला और एक जनवरी को झूठी खबर फैलाकर दिल्ली का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए।