
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 अप्रैल 2025। भारत शुरुआत से ही विकासशील देशों के जलवायु लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन की मांग कर रहा है। इसी बीच एक बार फिर भारत ने गुरुवार को ब्राजील के ब्रासीलिया में हो रही ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियो की बैठक में इस बात को दोहराया। जहां भारत ने कहा कि विकसित देशों से पर्याप्त धन के बिना विकासशील देशों द्वारा जलवायु लक्ष्यों को पूरा करना मुश्किल होगा।
बैठक में भारत ने समानता का किया पुरजोर समर्थन
भारत ने कहा कि इस साल होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि विकसित देश अपनी जलवायु वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करते हैं या नहीं। साथ ही भारत ने इस मौके पर जोर देकर कहा कि विकासशील देशों को विकसित देशों से वित्तीय और तकनीकी सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए प्रभावी कदम उठा सकें।
वर्तमान लक्ष्य विकासशील देशों के लिए पर्याप्त नहीं
भारत ने उदाहरण देते हुए कहा कि जलवायु वित्त पर जो नया लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है, वह जरूरी 1.3 ट्रिलियन डॉलर से बहुत कम है। साथ ही ये भी कहा कि 2035 तक प्रति वर्ष 300 बिलियन डॉलर का लक्ष्य विकासशील देशों के लिए पर्याप्त नहीं है, और इससे जलवायु कार्रवाई के लिए वित्त की कमी बनी रहेगी।
2025 जलवायु अनुकूलन के लिए खास
भारत ने यह भी कहा कि 2025 जलवायु अनुकूलन और लचीलेपन के लिए महत्वपूर्ण वर्ष है और इसे ध्यान में रखते हुए ब्रिक्स देशों को मिलकर काम करना चाहिए। भारत ने COP30 सम्मेलन में अनुकूलन और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि यह सम्मेलन जलवायु वार्ता में सार्थक बदलाव लाने का एक बड़ा अवसर हो सकता है।
इसके अलावा भारत ने इस बैठक में यह भी बताया कि जलवायु अनुकूलन के प्रयासों और जो जरूरतें हैं, उनके बीच एक बड़ा अंतर है। भारत ने कहा कि COP30 का मुख्य उद्देश्य वैश्विक अनुकूलन लक्ष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप बनाना होगा, जो उचित कार्यान्वयन और पर्याप्त संसाधनों से समर्थित हो।