इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 23 नवंबर 2020। देश में लगातार बढ़र रहे कोरोना के मामलों के बीच दुनियाभर में इसके वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के शोध जारी हैं। भारत में भी कई वैक्सीन परीक्षण के अलग-अलग चरणों में हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोरोना की कोई कारगर और सुरक्षित वैक्सीन आएगी. सरकार ने वैक्सीन को कम समय में देश के हर नागरिक तक पहुंचाने की रूपरेखा भी तैयार कर ली है।
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोविड वैक्सीन को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में विकसित हो रहे कोरोना की वैक्सीन अगले एक या दो महीनो में अपने अंतिम परीक्षणों को पूरा कर सकते हैं। हर्षवर्धन के इस हयान से वैक्सीन के जल्द से जल्द आने की उम्मीद और बढ़ जाती हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक ने इस महीने COVAXIN के तीसरे चरण के परीक्षण शुरू किए हैं. इसमें 26,000 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं। यह सबसे उन्नत भारतीय प्रायोगिक टीका है। महामारी पर एक वेब सम्मेलन में डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, ‘हम स्वदेशी टीका विकसित करने की प्रक्रिया में हैं। हम अगले एक-दो महीनों में तीसरे चरण के परीक्षण को पूरा करने की प्रक्रिया में हैं.’ हर्षवर्धन ने यह भी दोहराया कि सरकार की योजना जुलाई तक 20 से 25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण करने की है।
इस महीने की शुरुआत में न्यूजे एजेंसी ‘रायटर’ से बात करते हुए ICMR के एक वैज्ञानिक ने कहा था कि टीका फरवरी या मार्च में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि भारत बायोटेक ने शुक्रवार को बताया कि देर से परीक्षणों के परिणाम आने की वजह से टीके की मार्च और अप्रैल के बीच आने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य कर्मियों व 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने सावधानीपूर्वक प्राथमिकता योजना तैयार की है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी और 65 साल की आयु से अधिक के लोग सूची में सबसे ऊपर हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीका अगले कुछ महीनों में उपलब्ध होगा और अनुमान है कि अगले साल जुलाई-अगस्त तक 25-30 करोड़ लोगों के लिए 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि जल्द ही कोविड-19 टीका तैयार हो जाएगा।’
हर्षवर्धन ने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि टीका वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी. जैसा कि आप जानते हैं कि स्वास्थ्य कर्मी, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। फिर 65 साल से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. फिर 50-65 साल की आयु वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद 50 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्धारित किया जा रहा है. हमने इस बारे में विस्तृत, सावधानीपूर्वक योजना बनाई है।