जब पुराने कानून ज्यों के त्यों बने हुए हैं, फिर पंजाब के कथित किसानों की बौखलाहट / बिलबिलाहट क्यों ?
इंडिया रिपोर्टर लाइव
वाराणसी 30 नवंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के बीच आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों को खास तौर पर याद किया। पीएम ने अपने संबोधन में काशी के किसानों को अन्नदाता बताते हुए उन्हें नमस्कार किया। पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दशकों तक किसानों के साथ छल हुआ है और अब ऐसा करने वाले ही देश के अन्नदाताओं में भ्रम फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में किसानों के हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की।
किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि कानून पर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने किसानों के साथ छल किया है वे ही अब किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। नए कानून किसानों को विकल्प देने वाला है।
मंडियां और MSP को नहीं हटाएंगे-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार तो मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। MSP पर किसानों की उपज बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि आपको याद रखना है कि यही लोग हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल उठाते थे। ये लोग अफवाह फैलाते थे। एक राज्य ने किसान सम्मान योजना को अपने राज्य में लागू ही नहीं होने दिया। कुछ लोग तो अपनी राजनीति बचाने के लिए ऐसा किया।
नए कृषि कानून किसानों के लिए विकल्प, पुराने में कोई बदलाव नहीं
अगर कोई पुराने सिस्टम से लेनदेन को उचित समझता है तो इस कानून में कोई रोक नहीं लगाई है। नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और किसानों कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
सवाल भी स्वभाविक, लेकिन आजकल ट्रेंड अलग
पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था तो विरोध होता था। पर अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाया जाता है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ छल किया था। पहले MSP तो था लेकिन उसपर खरीद नहीं होती थी। सालों तक MSP को लेकर छल किया गया।
कर्जमाफी पर भी छल किया गया
किसानों को नाम पर पहले की सरकारों ने छल किया है। योजनाओं के नाम पर छल, किसानों के नाम पर छल, खाद पर छल। फर्टिलाइजर खेत से ज्यादा कालाबाजारियों के पास पहुंच जाता था। पहले वोट के लिए वादा और फिर छल। यही लंबे समय तक देश में चलता रहा है। जब इतिहास छल का रहा हो तब दो बातें काफी स्वाभाविक है, पहली ये किसान अगर सरकार की बातों से आशंकित रहता है तो इसके पीछे दशकों तक का लंबा छल का इतिहास है। जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया उनके लिए ये झूठ फैलाना एक तरह से आदत और मजबूरी बन गई है। क्योंकि उन्होंने ऐसा ही किया था। इसलिए वही फार्मूला लगाकर यही देख रहे हैं।
अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है। जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं तो वे दूसरे विषय पर झूठ फैलाने लग जाते हैं। 24X7 इनका यही काम है। जिन किसान परिवारों को कोई चिंताएं है तो उनका जवाब देने का काम भी सरकार दे रही है और उसकी कोशिश कर रही है। हमारा अन्नदाता आत्मनिर्भर भारत की आगुवाई करेगा। आज जिन किसानों पर कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं वो भी भविष्य में इन सुधारों का लाभ उठाकर अपना आय बढ़ाएंगे मेरा ये पक्का विश्वास है।
अन्नदाताओं को प्रणाम से मोदी का संदेश
बात दें कि देव दीपावली के अवसर पर पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में हैं। पीएम ने कहा काशी की जनता को प्रणाम करते हुए कहा, ‘राजा तालाब, मिर्जामुराब, कच्छवा, कपसेठी, रोहनिया और सेवापुरी क्षेत्र के अन्नदाता को प्रणाम है। आप सभी को देव दीपावली और गुरु पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं।’ बता दें कि केंद्र सरकार की कृषि कानून के विरोध मेंकिसानों का आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली का हुक्का-पानी बंद करने की चेतावनी दी है। इस बीच, केंद्र सरकार भी ऐक्टिव हो गई है और किसानों से बात करने की तैयारी में है।
किसानों को मजबूत करने के किए जा रहे हैं प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान को आधुनिक सुविधाएं देना, छोटे किसानों को संगठित करके उन्हें ताकतवर बनाना और किसानों को मजबूत करने का प्रयास जारी है। फसल बीमा हो या सिंचाई, बीच हो या बाजार हर स्तर पर काम किया गया है। किसान हित में किए गए कृषि सुधार ऐसे ही विकल्प किसान को देते हैं। अगर किसान को कोई ऐसा ही खरीदार मिल जाए जो सीधा खेत से फसल उठाए तो क्या किसान को अपनी उपज उसे बेचने की आजादी मिलनी चाहिए कि नहीं।